Shimla News: हिमाचल प्रदेश के शिमला स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक कन्या विद्यालय पोर्टमोर में एक ऐतिहासिक राज्य स्तरीय मेगा अभिभावक-शिक्षक मिलन (parent teacher meeting) का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 600 अभिभावकों ने ऑफलाइन और प्रदेश भर के 50,000 से अधिक शिक्षकों एवं अभिभावकों ने ऑनलाइन भाग लिया। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा
यह कार्यक्रम समग्र शिक्षा अभियान के तहत आयोजित किया गया। इसका मुख्य लक्ष्य राज्य में डिजिटल शिक्षा के उपयोग को प्रोत्साहित करना है। साथ ही शिक्षकों और अभिभावकों के बीच सहयोग को मजबूत करना भी है। इससे बच्चों की शैक्षणिक प्रगति पर बेहतर नजर रखी जा सकेगी।
अपार आईडी और अभ्यास हिमाचल बॉट
कार्यक्रम में अभिभावकों को अपार आईडी और नए अभ्यास हिमाचल बॉट के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। अपार आईडी प्री-प्राइमरी से ही बच्चे के आधार से जुड़ेगी। इसमें छात्र का संपूर्ण शैक्षिक डेटा सुरक्षित रहेगा। राज्य ने सभी विद्यार्थियों के लिए शत-प्रतिशत अपार आईडी निर्माण का लक्ष्य रखा है।
लॉन्च हुआ अभ्यास हिमाचल बॉट
शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने अभ्यास हिमाचल बॉट को लॉन्च किया। यह बॉट स्विफ्ट चैट एप्लिकेशन पर उपलब्ध होगा। इसे दो रूपों में पेश किया गया है – समर स्कूल बॉट और विंटर स्कूल बॉट। कक्षा 1 से 10 तक के छात्र इसका लाभ उठा सकेंगे। लॉन्च के पहले ही दिन एक लाख से अधिक यूजर्स ने इसका इस्तेमाल किया।
हर सप्ताह मिलेंगे नए प्रश्न
इस बॉट के जरिए हर शनिवार को विद्यार्थियों को हिंदी, गणित और अंग्रेजी विषयों के 12 नए प्रश्न प्राप्त होंगे। ये प्रश्न एससीईआरटी द्वारा एनसीएफ और अधिगम परिणामों के अनुरूप तैयार किए गए हैं। इसका उद्देश्य बच्चों में घर पर नियमित अभ्यास की आदत विकसित करना है।
बच्चों पर दबाव न बनाएं
शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे बच्चों पर अनावश्यक दबाव न बनाएं। उन पर विश्वास रखें और उनकी पसंद का सम्मान करें। इससे बच्चे और अभिभावकों के बीच मजबूत संवाद स्थापित होगा। यह बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मेगा पीटीएम का सकारात्मक प्रभाव
इस मेगा पीटीएम के आयोजन से शिक्षकों और अभिभावकों के बीच संवाद बढ़ेगा। साथ ही बच्चे की वास्तविक शैक्षिक स्थिति की जानकारी भी स्पष्ट होगी। इससे बच्चों की शिक्षा में सुधार के लिए समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा सकेंगे। यह पहल राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगी।
