Himachal News: राज्य के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आपदा से क्षतिग्रस्त स्कूल भवनों की मरम्मत को सर्वोच्च प्राथमिकता घोषित किया है। मंगलवार को हुई शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने बताया कि इस वर्ष मानसून में 1,411 शिक्षण संस्थानों को नुकसान हुआ है। इसकी अनुमानित लागत 126.73 करोड़ रुपये आंकी गई है। मंत्री ने निर्देश दिए कि उप निदेशक तुरंत राज्य आवास प्राधिकरण को धन जारी करें।
ठाकुर ने प्राधिकरण के अधिकारियों से बच्चों की सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रखते हुए कार्यों में तेजी लाने को कहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि पुनर्निर्माण कार्य समय से पहले पूरे होने चाहिए। इससे छात्रों का शैक्षणिक नुकसान नहीं होगा। साथ ही, उन्हें सुरक्षित वातावरण में शिक्षा मिल सकेगी। यह कदम राज्य में school education के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा।
शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के निर्देश
शिक्षा मंत्री ने उप निदेशकों को पूरे सत्र स्कूलों की नियमित समीक्षा करने का आदेश दिया। विशेष ध्यान 25 प्रतिशत से कम परिणाम वाले स्कूलों पर दिया जाएगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य शैक्षिक परिणामों में सुधार लाना है। साथ ही, खराब प्रदर्शन कर रहे स्कूलों की समस्याओं का समाधान करना है। नियमित निगरानी से शिक्षण स्तर बेहतर होगा।
शिक्षक प्रशिक्षण में बदलाव
बीएड और डीएलएड के छात्रों को अब उनके मूल क्षेत्रों में शिक्षण अभ्यास के लिए भेजा जाएगा। एक महत्वपूर्ण निर्देश यह दिया गया कि एक स्कूल में पांच से अधिक प्रशिक्षुओं को नहीं रखा जाएगा। इससे प्रशिक्षुओं को बेहतर मार्गदर्शन मिल सकेगा। उनके शिक्षण अनुभव में गुणात्मक सुधार आएगा। यह नीति शिक्षकों के प्रशिक्षण को और प्रभावी बनाएगी।
कॉम्प्लेक्स स्कूल सिस्टम की शुरुआत
राज्य ने बेहतर शैक्षिक अवसर प्रदान करने के लिए कॉम्प्लेक्स स्कूल सिस्टम शुरू किया है। इसके तहत विलय किए गए स्कूलों के छात्रों को पास के अन्य स्कूलों में नामांकित किया जा रहा है। इससे संसाधनों का अनुकूलन संभव हो पाएगा। छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के बेहतर अवसर मिलेंगे। स्कूलों के बुनियादी ढांचे का कुशल उपयोग हो सकेगा।
अनुशासनात्मक कार्रवाई और कार्यभार कमी
मंत्री ने छात्रों को परेशान करने वाले शिक्षकों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में अनुशासनात्मक प्रक्रिया तेज की जाए। साथ ही, शिक्षकों के गैर-शैक्षणिक कार्यभार को कम करने पर चर्चा हुई। उप निदेशकों को दस दिनों में इसके सुझाव देने को कहा गया। इससे शिक्षकों का ध्यान मुख्य रूप से पढ़ाई पर केंद्रित हो सकेगा।
इन सभी कदमों का उद्देश्य राज्य में शिक्षा प्रणाली को मजबूत करना है। आपदा प्रबंधन के तहत स्कूलों का शीघ्र पुनर्निर्माण छात्रों के हित में महत्वपूर्ण है। शिक्षा विभाग की योजनाओं से शैक्षिक वातावरण में सुधार आने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तन पर जोर दिया है।
