National News: राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (NSSO) की एक नई रिपोर्ट में स्कूली शिक्षा पर होने वाले खर्च का विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार सरकारी स्कूलों में प्रति छात्र औसतन वार्षिक खर्च 2,863 रुपये है जबकि निजी स्कूलों में यह खर्च 25,002 रुपये तक पहुंच जाता है। देश में 55.9% छात्र सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं।
राज्यवार प्रति छात्र शिक्षा खर्च
रिपोर्ट में राज्यों के अनुसार प्रति छात्र खर्च का विवरण दिया गया है। चंडीगढ़ में सबसे अधिक 49,711 रुपये प्रति छात्र खर्च होता है। हिमाचल प्रदेश में 39,550 रुपये और हरियाणा में 37,148 रुपये खर्च किए जाते हैं। दिल्ली में यह खर्च 20,411 रुपये और उत्तर प्रदेश में 19,795 रुपये है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अंतर
ग्रामीण क्षेत्रों में 66% छात्र सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं जबकि शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा 30.1% है। निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में देशभर में 31.9% छात्र नामांकित हैं। सरकारी स्कूलों के केवल 26.7% छात्र ही पाठ्यक्रम शुल्क का भुगतान करते हैं।
पाठ्यक्रम शुल्क सबसे बड़ा खर्च
पाठ्यक्रम शुल्क स्कूली शिक्षा में सबसे बड़ा खर्च है। देशभर में प्रति छात्र औसतन 7,111 रुपये फीस में खर्च होते हैं। इसके बाद पाठ्यपुस्तकों और स्टेशनरी पर 2,002 रुपये खर्च किए जाते हैं। शहरी क्षेत्रों में फीस औसतन 15,143 रुपये है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 3,979 रुपये है।
कोचिंग पर बढ़ता खर्च
27% छात्र निजी कोचिंग का सहारा लेते हैं। शहरी क्षेत्रों में 30.7% छात्र कोचिंग लेते हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह संख्या 25.5% है। उच्चतर माध्यमिक स्तर पर शहरी छात्र कोचिंग पर 9,950 रुपये तक खर्च करते हैं। ग्रामीण छात्र 4,548 रुपये खर्च करते हैं।
पारिवारिक स्रोतों से आता है धन
95% छात्रों ने बताया कि उनकी शिक्षा का खर्च परिवार उठाता है। केवल 1.2% छात्रों ने सरकारी छात्रवृत्ति को अपना मुख्य आर्थिक स्रोत बताया। सर्वेक्षण में 52,085 परिवारों और 57,742 छात्रों को शामिल किया गया था। यह डेटा अप्रैल से जून 2025 के दौरान एकत्र किया गया।
