शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

शिक्षा विभाग: पदोन्नति के एक सप्ताह में पदभार न संभालने वाले प्रवक्ताओं के आदेश रद्द

Share

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग ने एक बड़ा फैसला लिया है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में तय हुआ कि पदोन्नत होने के एक सप्ताह के भीतर कार्यभार न संभालने वाले प्रवक्ताओं की पदोन्नति रद्द कर दी जाएगी। यह अवसर अगले पात्र उम्मीदवारों को दिया जाएगा। इसके अलावा स्कूलों के औचक निरीक्षण और अनुशासनहीनता पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि 18 सितंबर तक कार्यभार न ग्रहण करने वाले 642 टीजीटी प्रवक्ताओं की पदोन्नति रद्द होगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि विभाग में अनुशासन और जवाबदेही से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अनुपस्थिति और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक में छात्र नामांकन के आधार पर विज्ञान शिक्षकों और अन्य पीजीटी पदों के युक्तिकरण का भी निर्णय लिया गया। निर्देश दिए गए कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम तीन से चार स्कूलों में सभी संकायों के शिक्षक उपलब्ध होने चाहिए। अनावश्यक प्रतिनियुक्तियां तुरंत रद्द की जाएंगी।

शिक्षा मंत्री ने स्कूलों के औचक निरीक्षण पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिन शिक्षकों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं होगा, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उप-निदेशकों को निर्देश दिए गए कि वे लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें।

यह भी पढ़ें:  पॉक्सो अधिनियम: हिमाचल में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ करने का आरोपी शिक्षक बर्खास्त, जानें पूरा मामला

प्राकृतिक आपदा से प्रभावित छात्रों के लिए राहत की घोषणा भी की गई। शिक्षा बोर्ड उन छात्रों को बिना शुल्क के प्रमाण-पत्र की प्रतिलिपि जारी करेगा, जिनके दस्तावेज आपदा में नष्ट हो गए हैं। इससे प्रभावित छात्रों को बहुत राहत मिलेगी।

नशे की हालत में पाए जाने वाले शिक्षकों या अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भी एलान किया गया। पॉक्सो मामलों और धन की हेराफेरी में शामिल पाए जाने वाले कर्मियों पर भी सख्त कार्रवाई होगी। यह कदम शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया है।

आपदा से क्षतिग्रस्त स्कूलों के लिए किराए के भवन

हाल की भारी वर्षा और प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान पर भी बैठक में चर्चा हुई। शिक्षा मंत्री ने बताया कि अब तक 1,125 शैक्षणिक संस्थान प्रभावित हुए हैं और अनुमानित 59.5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। छात्रों की सुरक्षा और निर्बाध पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार क्षतिग्रस्त स्कूलों के लिए भवन किराए पर लेगी।

वर्ष 2023 में 646 स्कूलों की मरम्मत के लिए 51.13 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। वहीं सितंबर 2025 तक 77 स्कूलों के लिए 13.22 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। मंडी जिले को सबसे अधिक 16.19 करोड़ रुपये की राशि मिली है। निर्देश दिए गए कि आपदा राहत धनराशि का विवेकपूर्ण उपयोग किया जाए और 75% से अधिक क्षति वाले स्कूलों को प्राथमिकता दी जाए।

यह भी पढ़ें:  सड़क हादसा: हिमाचल में HRTC बस दुर्घटनाग्रस्त, स्कूली बच्चों समेत 37 घायल

धन राशि के उपयोग की रिपोर्ट पांच दिनों के भीतर प्रस्तुत करनी होगी। अन्यथा उपयोग न होने वाली राशि तत्काल आवश्यकता वाले अन्य संस्थानों को दे दी जाएगी। इससे धन के उपयोग में पारदर्शिता और जवाब देही सुनिश्चित होगी।

बैठक में विज्ञान विषयों में घटते नामांकन पर चिंता जताई गई। अधिक छात्रों को विज्ञान चुनने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु सुविधाएं सुधारने के निर्देश दिए गए। सभी जिला उपनिदेशकों को स्कूल निरीक्षण के लक्ष्य समय पर पूरे करने को कहा गया।

इस बैठक में शिक्षा सचिव राकेश कंवर, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव मेजर विशाल शर्मा, निदेशक शिक्षा आशीष कोहली तथा अतिरिक्त निदेशक शिक्षा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। विभाग की विभिन्न योजनाओं की प्रगति पर भी चर्चा हुई।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News