Shimla News: हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग ने 642 शिक्षकों को प्रवक्ता पद पर पदोन्नत किया था। इनमें से 119 शिक्षकों ने अब तक अपने नए पदों पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। निदेशालय ने इन सभी प्रवक्ताओं को 24 सितंबर तक का अंतिम समय दिया है। इस तिथि के बाद भी ज्वाइनिंग न देने वालों की पदोन्नति रद्द कर दी जाएगी।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में यह चिंता सामने आई। बैठक में पदोन्नति के बावजूद कार्यभार न ग्रहण करने के मामलों की कड़ी निंदा की गई। मंत्री ने इस मामले में सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर मामले दूरदराज के क्षेत्रों में तैनाती से जुड़े हैं। पदोन्नत शिक्षक इन स्कूलों में जाने से कतरा रहे हैं। विभाग ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है।
निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्यभार न ग्रहण करने वाले शिक्षकों को टीजीटी के पद पर ही बने रहना होगा। उनकी पदोन्नति स्वतः रद्द मान ली जाएगी। इससे उनके करियर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
रद्द हुई पदोन्नतियों के बाद खाली पदों को भरने की तैयारी भी पूरी है। विभाग अन्य योग्य टीजीटी शिक्षकों को प्रवक्ता पद पर पदोन्नत करेगा। नई तैनाती प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी।
यह फैसला शिक्षा विभाग की अनुशासनात्मक शून्य सहिष्णुता नीति को दर्शाता है। इसका उद्देश्य शैक्षिक प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। सभी शिक्षकों से निर्देशों का पालन करने की अपेक्षा की गई है।
शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि कोई और विस्तार नहीं दिया जाएगा। 24 सितंबर की अंतिम तिथि अटल है। सभी संबंधित शिक्षकों को अपनी ज्वाइनिंग तुरंत पूरी करनी चाहिए।
इस कार्रवाई से राज्य के शिक्षा तंत्र में सुधार की उम्मीद है। यह अनुशासनहीनता के against एक स्पष्ट संदेश है। विभाग का फोकस शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर है।
