शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

ईडी ने उदयपुर की रॉयल राजविलास परियोजना में 175 करोड़ की संपतिया की वापस, खरीददारों को 12 साल बाद मिली बड़ी राहत

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Rajasthan News: प्रवर्तन निदेशालय ने उदयपुर की रॉयल राजविलास परियोजना में 175 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां वापस कर दी हैं। इनमें 354 फ्लैट, 17 वाणिज्यिक इकाइयां और 2 प्लॉट शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद यह कदम उठाया गया है। इससे 213 घर खरीदारों को राहत मिली है जो पिछले 12 साल से अपने घरों का इंतजार कर रहे थे। शीर्ष अदालत ने ईडी के प्रयासों की सराहना की है।

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने 10 अक्टूबर 2025 को इस मामले में अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति संजय कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने वास्तविक और निर्दोष घर खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए ईडी के प्रयासों की सराहना की। अदालत ने कहा कि उन्होंने संपत्तियों को बहाल करने के प्रयासों की सराहना की है। यह फैसला सैकड़ों परिवारों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है।

बैंक धोखाधड़ी का बड़ा मामला

यह मामला सिंडिकेट बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है। मुख्य आरोपी भरत बम्ब और उनके साथियों पर 2011 से 2016 के बीच 1267.79 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। आरोप है कि उन्होंने फर्जी चेक, बिल और बीमा पॉलिसियों के जरिए बैंक से पैसा हड़पा था। इस धोखाधड़ी की आय को रॉयल राजविलास परियोजना में लगाने के आरोप में ईडी ने मामला दर्ज किया था।

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लंबी कानूनी लड़ाई का अंत

ईडी ने अप्रैल 2019 में इस मामले में अनंतिम कुर्की का आदेश जारी किया था। इसके बाद मामला एनसीएलटी मुंबई, राजस्थान हाईकोर्ट और अंत में सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। एनसीएलटी ने ईडी के कुर्की आदेश को रद्द कर दिया था। लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट ने बाद में इस आदेश पर रोक लगा दी। अंततः सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को घर खरीदारों के हित में समाधान निकालने का निर्देश दिया।

कुछ संपत्तियां अभी भी कुर्क

ईडी ने 221 घर खरीदारों के दावों की जांच की थी। जांच में 213 खरीदारों को वास्तविक और निर्दोष पाया गया। हालांकि, 8 खरीदारों की 11 इकाइयां अभी भी कुर्क रहेंगी। इन 11 फ्लैटों का कुल मूल्य 8.65 करोड़ रुपये है। ईडी का मानना है कि इन इकाइयों को खरीदने में अपराध की आय का इस्तेमाल किया गया हो सकता है। इन पर अलग से कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी।

नए प्रबंधन को सौंपी गई संपत्तियां

कुर्की हटाई गई संपत्तियां अब उदयपुर एंटरटेनमेंट वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड की नई प्रबंधन टीम को सौंप दी गई हैं। इससे परियोजना के पूरा होने और खरीदारों को उनकी इकाइयां सौंपने का रास्ता साफ हो गया है। कंपनी का नया प्रबंधन अब इन संपत्तियों का वितरण करेगा। इस पूरी प्रक्रिया में ईडी ने सक्रिय भूमिका निभाई है।

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ईडी की सक्रिय भूमिका की सराहना

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के सक्रिय दृष्टिकोण की सराहना की है। अदालत ने कहा कि ईडी ने निर्दोष घर खरीदारों के हितों की रक्षा में सराहनीय कार्य किया है। ईडी ने लंबे समय से चल रहे मुकदमों के कारण पीड़ित घर खरीदारों के हितों से समझौता किए बिना एक सामंजस्यपूर्ण समाधान निकाला। इससे ईडी की जनता के प्रति प्रतिबद्धता का पता चलता है।

भविष्य में जारी रहेगी जांच

हालांकि संपत्तियां वापस कर दी गई हैं, लेकिन ईडी ने स्पष्ट किया है कि सिंडिकेट बैंक धोखाधड़ी मामले में जांच अभी भी जारी है। यदि भविष्य में किसी घर खरीदार द्वारा किए गए भुगतान की राशि अपराध की आय से जुड़ी पाई जाती है, तो ईडी कानून के अनुसार उचित कदम उठाएगी। इस फैसले को भविष्य के मामलों के लिए मिसाल नहीं माना जाएगा।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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