शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

ईडी जांच: फर्जी कंपनियां, करोड़ों की अवैध वसूली, जानें जांच में ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन के खिलाफ क्या हुए खुलासे

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Himachal News: प्रवर्तन निदेशालय की जांच में सामने आया है कि सहायक ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन पर 13 फार्मा कंपनियों से करोड़ों रुपए का अनुचित लाभ लेने के आरोप हैं। जांच में पता चला कि उन्हें नकद राशि, होटल बुकिंग, महंगे उपहार और अन्य सुविधाएं मिलती थीं। सरीन पर अपने पद का दुरुपयोग करने और फर्जी कंपनियों के जरिए इन पैसों को वैध बनाने का प्रयास करने का भी आरोप है।

जांच एजेंसी के अनुसार निशांत सरीन लंबे समय से भ्रष्टाचार और आर्थिक अपराधों में संलिप्त चले आ रहे हैं। उनके खिलाफ हिमाचल प्रदेश और हरियाणा पुलिस में पहले से कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। सबसे पहले वर्ष 2019 में स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो ने उन पर दवा निरीक्षक के रूप में कार्य करते हुए 43.07 लाख रुपए की रिश्वत लेने का मामला दर्ज किया था।

इसके बाद हरियाणा पुलिस ने वर्ष 2022 में पंचकूला के सेक्टर-20 थाने में उनके खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की। हाल ही में सितंबर 2025 में शिमला की स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक नई एफआईआर दर्ज करते हुए उन पर 1.66 करोड़ रुपए से अधिक की असंगत संपत्ति रखने का आरोप लगाया।

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संपत्ति अर्जन और धन शोधन

जांच में यह बात सामने आई कि सरीन ने वर्ष 2019 के बाद कई महंगी संपत्तियां हासिल कीं। इनमें चंडीगढ़ की ओमैक्स सोसाइटी में एक संपत्ति भी शामिल है। ईडी ने 31 मार्च 2023 को इन सभी मामलों को एक साथ जोड़कर एक केस दर्ज किया था। एजेंसी का दावा है कि सरीन ने अपने पद का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति अर्जित की।

फर्जी कंपनियों का जाल

जांच में डॉ. कोमल खन्ना नामक एक सहयोगी की भूमिका भी सामने आई है। ईडी के मुताबिक डॉ. खन्ना सरीन के निर्देश पर जेनिया फार्मास्यूटिकल्स और निया फार्मा जैसी कंपनियों को चलाती थीं। वास्तव में इन कंपनियों के असली लाभार्थी निशांत सरीन ही थे। इन कंपनियों के माध्यम से उन्होंने लगभग 5.78 करोड़ रुपए की अवैध कमाई को वैध दिखाने का प्रयास किया।

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जांच में अवरोध और कानूनी प्रक्रिया

ईडी के अनुसार नौ अक्तूबर 2025 को दिए गए अपने बयान में सरीन ने सच्ची जानकारी देने से परहेज किया। उन पर जांच को गुमराह करने की कोशिश करने का भी आरोप है। एजेंसी ने कहा कि सरीन कई साक्ष्यों और गवाहों को प्रभावित करने की स्थिति में हैं। इसलिए उनकी कस्टडी में पूछताछ आवश्यक समझी जा रही है।

एजेंसी ने स्पष्ट किया कि निशांत सरीन धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 3 के तहत अपराध में सीधे तौर पर शामिल हैं। यह अपराध धारा 4 के अंतर्गत दंडनीय और गैर-जमानती है। ईडी वर्तमान में सरीन की अवैध संपत्तियों की पहचान और धन प्रवाह की जांच कर रही है। साथ ही संबंधित अन्य व्यक्तियों से पूछताछ भी जारी है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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