Chandigarh News: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने क्यूएफएक्स/वाईएफएक्स/यॉर्करएफएक्स घोटाले मामले में 9.31 करोड़ रुपये की संपत्ति की अनंतिम कुर्की की है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत 26 अगस्त 2025 को की गई। कुर्क की गई संपत्तियों में आरोपियों, उनके एजेंटों और परिवार के सदस्यों की अचल और चल संपत्तियां शामिल हैं।
कुर्क संपत्तियों का विवरण
ED ने 45 अचल संपत्तियां कुर्क की हैं जिनमें आवासीय फ्लैट, प्लॉट और कृषि भूमि शामिल है। ये संपत्तियां उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में स्थित हैं। कुर्की में बैंक बैलेंस के रूप में चल संपत्ति भी शामिल है। जांच में पता चला कि ये संपत्तियां 2019-2025 के बीच घोटाले की आय से अर्जित की गई थीं।
घोटाले की कार्यप्रणाली
क्यूएक्स समूह ने विदेशी मुद्रा व्यापार के माध्यम से 5-6% मासिक रिटर्न का वादा कर निवेशकों को आकर्षित किया। वास्तव में कोई व्यापार नहीं हुआ था। निवेशकों का पैसा विभिन्न बैंक खातों के माध्यम से डायवर्ट किया गया। यह धन अंततः अचल संपत्तियों और पारिवारिक संपत्तियों में स्थानांतरित कर दिया गया।
ED की पिछली कार्रवाई
ED ने 11 फरवरी 2025 और 4 जुलाई 2025 को इस मामले में तलाशी अभियान चलाया था। उस समय 394 करोड़ रुपये की अपराध आय वाले 194 खच्चर बैंक खातों को कुर्क किया गया था। ये खाते क्यूएफएक्स के लॉन्ड्रिंग नेटवर्क का हिस्सा थे। तलाशी में मिले सबूतों से धन के अवैध स्रोतों का पता चला।
राज्यों में दर्ज मामले
क्यूएफएक्स समूह के खिलाफ हिमाचल प्रदेश, असम, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा में मामले दर्ज हैं। इन मामलों में IPC, BNS और प्राइज चिट्स एक्ट के प्रावधान लागू हैं। विभिन्न राज्यों की पुलिस भी इस घोटाले की जांच कर रही है।
कुर्की का विस्तार
कुल 9.31 करोड़ रुपये की कुर्की में 8.20 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां शामिल हैं। ये संपत्तियां 27 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैली हुई हैं। शेष 1.1 करोड़ रुपये चल संपत्तियों के रूप में कुर्क किए गए हैं। यह कार्रवाई घोटाले के वित्तीय नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
