Himachal News: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में शुक्रवार तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, यह भूकंप रात करीब 12:39 बजे आया। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2.4 मापी गई है। भूकंप के कारण कुछ लोगों ने हल्का कंपन महसूस किया और वे सतर्क हो गए। हालांकि, अभी तक किसी भी तरह के जानी या माली नुकसान की कोई सूचना नहीं है। स्थानीय प्रशासन ने स्थिति सामान्य बताई है।
यह भूकंप बहुत हल्का था, इसलिए ज्यादातर लोगों को इसका आभास भी नहीं हुआ। केवल कुछ संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों ने ही इसके झटके महसूस किए। कुछ लोगों ने सुरक्षा के लिहाज से थोड़ी देर के लिए अपने घरों से बाहर निकल आए। जिला प्रशासन ने तुरंत स्थिति की जांच शुरू कर दी। अधिकारियों ने पुष्टि की कि क्षेत्र में सब कुछ शांत है और किसी भी तरह की कोई दुर्घटना नहीं हुई है।
चंबा जिले का भूकंपीय इतिहास
चंबा जिला भूकंपीय जोन-वी में आता है। यह जोन भारत का सबसे संवेदनशील भूकंप क्षेत्र माना जाता है। इस इलाके में अक्सर हल्के-फुल्के भूकंप के झटके महसूस किए जाते रहते हैं। भूवैज्ञानिकों के अनुसार, हिमालयन क्षेत्र की भौगोलिक बनावट ही ऐसी है कि यहाँ भूकंप की आशंका हमेशा बनी रहती है। इसलिए इस पूरे क्षेत्र को उच्च जोखिम वाला माना जाता है।
भूकंप की तीव्रता कम होने के बावजूद, यह घटना स्थानीय निवासियों के लिए एक अनुस्मारक का काम करती है। इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को हमेशा सतर्क रहने की जरूरत होती है। अधिकारी निवासियों को सलाह देते हैं कि वे भूकंप रोधी निर्माण के नियमों का पालन करें। उन्हें आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए और सुरक्षा के सभी जरूरी उपाय अपनाने चाहिए।
भूकंप की निगरानी और रिपोर्टिंग
भूकंप की सटीक जानकारी राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र यानी एनसीएस देता है। यह संस्थान पूरे देश में भूकंप की निगरानी करता है। एनसीएस के अनुसार, इस बार के झटके की गहराई जमीन के अंदर काफी कम थी। कम गहराई के कारण ही सतह पर हल्का कंपन महसूस किया गया। अगर भूकंप की तीव्रता ज्यादा होती तो नुकसान की आशंका बढ़ सकती थी।
स्थानीय प्रशासन ने लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है यह संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि निगरानी तंत्र लगातार सक्रिय है। किसी भी तरह की नई जानकारी तुरंत जनता तक पहुँचाई जाएगी। लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। केवल अधिकारियों द्वारा जारी आधिकारिक बयानों पर ही विश्वास करें। स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है।
भूकंप सुरक्षा के उपाय
भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर हमेशा तैयारी जरूरी है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि घरों का निर्माण भूकंप रोधी तकनीक से ही करवाना चाहिए। भारी सामान अलमारियों के ऊपरी हिस्से में नहीं रखना चाहिए। सभी परिवारों के पास एक आपातकालीन किट तैयार रहनी चाहिए। इस किट में जरूरी दवाएं, पानी, खाना और टॉर्च शामिल होने चाहिए।
स्कूलों और कार्यालयों में नियमित रूप से भूकंप ड्रिल का आयोजन किया जाना चाहिए। इससे लोगों को पता चलता है कि भूकंप आने पर क्या करना है। भूकंप के दौरान मजबूत टेबल या बेड के नीचे छिप जाना चाहिए। खिड़कियों और भारी फर्नीचर से दूर रहना चाहिए। बिल्डिंग से तुरंत बाहर निकलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि गिरते हुए मलबे से चोट लग सकती है।
भूकंप के बाद की कार्रवाई
भूकंप के बाद सबसे पहले अपने आसपास के माहौल को चेक करना जरूरी है। अगर कोई चोटिल है तो उसे तुरंत प्राथमिक उपचार दें। गैस लीक की जाँच अवश्य करें और अगर गंध आए तो मेन वाल्व बंद कर दें। बिजली की मुख्य सप्लाई भी बंद कर देनी चाहिए। टूटे हुए शीशे और गिरे हुए सामान से सावधान रहें ताकि चोट न लगे।
अगर इमारत को नुकसान पहुँचा है तो तुरंत उसे खाली कर देना चाहिए। बाहर निकलते समय लिफ्ट का इस्तेमाल बिल्कुल न करें, सीढ़ियों का ही प्रयोग करें। बाहर सुरक्षित खुले स्थान में इकट्ठा हों। रेडियो या अधिकारिक स्रोतों से नई जानकारी लेते रहें। आपातकालीन सेवाओं के नंबर हमेशा याद रखें या फोन में सेव करके रखें।
