Himachal News: राजकीय महाविद्यालय बासा (गोहर) में नशामुक्त समाज के निर्माण के लिए एक जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पूर्ण चंद चौहान ने विद्यार्थियों को नशे के विरुद्ध शपथ दिलाई। इसके बाद छात्रों ने महाविद्यालय परिसर और आसपास के क्षेत्रों में एक जागरूकता रैली निकाली। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी अध्यापक और लगभग 200 विद्यार्थी उपस्थित रहे।
प्राचार्य डॉ. चौहान ने अपने संबोधन में युवाओं को देश का भविष्य बताया। उन्होंने कहा कि युवाओं का नशे से दूर रहना और दूसरों को भी जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने विद्यार्थियों से नशामुक्त समाज के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को एक स्वस्थ और सकारात्मक जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।

शपथ ग्रहण के बाद छात्रों ने एक ऊर्जावान रैली निकाली। इस रैली ने महाविद्यालय परिसर से शुरू होकर आसपास के समुदाय तक अपना संदेश पहुंचाया। रैली में शामिल विद्यार्थियों ने नारे लगाकर स्थानीय निवासियों को नशे के हानिकारक प्रभावों के बारे में बताया। यह एक सामूहिक प्रयास था जिसमें पूरा महाविद्यालय समुदाय शामिल हुआ।
युवा शक्ति का समाज के प्रति संदेश
इस कार्यक्रम ने युवाओं की सामाजिक जिम्मेदारी को उजागर किया। छात्रों ने न केवल स्वयं शपथ ली बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने का भी संकल्प लिया। यह पहल दर्शाती है कि शैक्षणिक संस्थान राष्ट्र निर्माण में किस प्रकार योगदान दे सकते हैं। महाविद्यालय का यह प्रयास स्थानीय स्तर पर एक बड़े बदलाव की शुरुआत साबित हो सकता है।

एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी और समस्त शिक्षक स्टाफ ने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम को एक व्यापक रूप दिया। शिक्षकों ने विद्यार्थियों को समाज सेवा के लिए प्रेरित किया और इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा की। उनका यह समर्थन छात्रों के लिए प्रेरणादायक साबित हुआ।
समुदाय तक पहुंचा स्वास्थ्य का संदेश
रैली के माध्यम से महाविद्यालय ने अपने दायित्व का निर्वहन किया। यह कार्यक्रम केवल महाविद्यालय तक सीमित नहीं रहा बल्कि पूरे समुदाय तक पहुंचा। स्थानीय निवासियों ने विद्यार्थियों के इस प्रयास की सराहना की। उन्होंने नशामुक्ति के संदेश को गंभीरता से सुना और इस अभियान में सहयोग का आश्वासन दिया। यह सामुदायिक भागीदारी का एक उत्कृष्ट उदाहरण था।

महाविद्यालय प्रशासन ने इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन नियमित रूप से होने चाहिए। इससे युवाओं को सही दिशा मिलती है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन आता है। महाविद्यालय भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा। इससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होगा और वे जिम्मेदार नागरिक बनेंगे।
इस पहल ने स्थानीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण चर्चा शुरू की है। लोग अब नशे के दुष्प्रभावों के बारे में अधिक जागरूक हो रहे हैं। युवा इस अभियान के मुख्य वाहक बनकर उभरे हैं। उनकी ऊर्जा और उत्साह ने इस कार्यक्रम को सफल बनाया। इस प्रकार के प्रयासों से ही एक स्वस्थ और खुशहाल समाज का निर्माण संभव है।
