शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

नशा मुक्त भारत अभियान: हिमाचल में नशे के खिलाफ जंग को मिली नई ऊर्जा

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Himachal Pradesh News: नशा मुक्त भारत अभियान के पांच वर्ष पूरे होने पर मंगलवार को शिमला में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनी राम शांडिल ने की। उन्होंने युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों से नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने का आह्वान किया।

डॉ. शांडिल ने कहा कि नशा मुक्त भारत अभियान पिछले पांच वर्षों से सभी राज्यों में सफलतापूर्वक चल रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को मादक द्रव्यों के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को नशा मुक्ति की शपथ दिलाई।

मंत्री ने जोर देकर कहा कि नशे के खिलाफ सरकार के प्रयास तभी सफल होंगे जब समाज एकजुट होकर खड़ा होगा। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत अब तक 23 करोड़ लोगों तक पहुंच बनाई गई है। देशभर में सात लाख से अधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।

नशा तस्करी के खिलाफ सख्त कानून

डॉ.शांडिल ने बताया कि हिमाचल सरकार ने नशा तस्करी पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए नया विधेयक पारित किया है। हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध विधेयक-2025 में नशा तस्करों को मृत्यु दंड का प्रावधान शामिल है। इस कानून में आजीवन कारावास और दस लाख रुपये तक जुर्माने का भी प्रावधान है।

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नए कानून के तहत अवैध संपत्ति की कुर्की का भी प्रावधान रखा गया है। यह कदम नशा तस्करी रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। राज्य सरकार नशे की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इन सख्त कानूनों से तस्करों पर अंकुश लगने की उम्मीद है।

पुनर्वास के लिए विशेष कोष

हिमाचल प्रदेश ड्रग्स एवंनियंत्रण पदार्थ विधेयक-2025 के तहत एक विशेष राज्य कोष बनाया गया है। इस कोष का उपयोग पुनर्वास, निवारक शिक्षा और आजीविका सहायता के लिए किया जाएगा। इससे नशे की लत छुड़ा चुके लोगों को मुख्यधारा में लौटने में मदद मिलेगी।

मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हाल ही में चिट्टा मुक्त हिमाचल अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान में प्रदेशवासियों ने नशे को जड़ से मिटाने का संकल्प लिया। सामुदायिक भागीदारी से नशामुक्त वातावरण बनाने पर जोर दिया जा रहा है।

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राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता

कार्यक्रम केदौरान डॉ. शांडिल अमृतसर स्थित गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े। राष्ट्रीय ऑनलाइन शपथ में 16.72 लाख शैक्षणिक संस्थानों ने भाग लिया। इससे अभियान को नई दिशा मिली है।

देशभर में 20 हजार से अधिक मास्टर वॉलंटियर्स इस अभियान से जुड़े हुए हैं। यह स्वयंसेवक नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनके प्रयासों से समाज के विभिन्न वर्गों तक यह संदेश पहुंच रहा है। नशामुक्त भारत का लक्ष्य धीरे-धीरे प्राप्त हो रहा है।

डॉ. शांडिल ने कहा कि यदि समाज एकजुट होकर नशामुक्त वातावरण बनाने का निर्णय ले तो लक्ष्य अवश्य पूरा होगा। हिमाचल प्रदेश इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार की ओर से नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों को जनता का व्यापक समर्थन मिल रहा है।

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