Himachal News: ऊना पुलिस ने नशा मुक्ति अभियान के तहत बड़ी कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने एक निजी बस से 1.175 किलोग्राम चरस बरामद की है। इस मामले में मंडी जिले के एक पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने जूतों में छुपाकर नशे की खेप ले जाने की कोशिश की थी। पुलिस को सटीक सूचना मिलने के बाद नाकाबंदी कर यह कार्रवाई सफल रही।
पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट को शनिवार शाम एक गुप्त सूचना मिली। सूचना में बताया गया कि हमीरपुर के भोटा से ऊना आ रही एक निजी बस में दो लोग चरस लेकर आ रहे हैं। इस सूचना के आधार पर एसआईयू प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार ने तुरंत एक टीम गठित की। टीम ने ऊना मुख्यालय के समीप कुरियाला मोड़ पर नाकाबंदी लगा दी।
जूतों में छुपाए थे नशीला पदार्थ
पुलिस टीम नेआने वाली संदिगध बस को रोका। बस में सवार सभी यात्रियों की जांच शुरू हुई। पुलिस की नजर एक पुरुष और एक महिला पर गई। शुरुआती तलाशी में कुछ नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने दोनों के जूते खुलवाए। जूतों की तलाशी ने पूरा मामला बदल दिया।
पुरुष आरोपी चेतराम के जूते से 642 ग्राम चरस बरामद हुई। महिला आरोपी तारा देवी के जूते से 533 ग्राम चरस मिली। इस तरह कुल 1.175 किलोग्राम चरस पुलिस के हाथ लगी। दोनों आरोपी मंडी जिले के बालीचौकी थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। पुलिस ने तुरंत दोनों को हिरासत में ले लिया।
चंडीगढ़ पहुंचानी थी नशे की खेप
पुलिस द्वाराकी गई प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने महत्वपूर्ण जानकारी दी। दोनों ने बताया कि वे चरस की यह खेप चंडीगढ़ ले जा रहे थे। चंडीगढ़ में उन्हें एक व्यक्ति को यह नशीला पदार्थ सौंपना था। पुलिस अब इस संभावित ग्राहक की तलाश कर रही है।
ऊना के एसपी अमित यादव ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मादक द्रव्य अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। इस नेटवर्क की अन्य कड़ियों का पता लगाने का प्रयास जारी है।
यह घटना हिमाचल प्रदेश पुलिस की सक्रियता को दर्शाती है। राज्य में नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत यह एक बड़ी सफलता है। पुलिस गुप्त सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई करने में सक्षम रही। इससे नशे के व्यापार में शामिल लोगों के लिए चेतावनी है।
नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए पुलिस लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है। इस मामले में भी पुलिस की सूचना तंत्र कारगर साबित हुआ। आम जनता से भी पुलिस ने सहयोग की अपील की है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देना जरूरी है।
नशा मुक्ति के लिए सामुदायिक सहयोग जरूरी
इस तरह कीघटनाएं समाज में नशे के बढ़ते प्रसार को भी दर्शाती हैं। पुलिस का मानना है कि केवल कानूनी कार्रवाई ही काफी नहीं है। नशे की रोकथाम के लिए सामुदायिक जागरूकता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में शिक्षित करना आवश्यक है।
हिमाचल प्रदेश पुलिस ने पिछले कुछ वर्षों में कई बड़े नशा तस्करी मामले सुलझाए हैं। इससे नशे के व्यापार पर अंकुश लगाने में मदद मिली है। ऊना की यह सफलता पूरे प्रदेश के लिए एक मिसाल है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि नशे के खिलाफ यह लड़ाई जारी रहेगी।
