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ड्रोन मिसाइल: भारत ने ULPGM-V3 का सफल परीक्षण कर रक्षा क्षेत्र में रचा इतिहास, जानें खासियतें

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Andhra Pradesh News: भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। शुक्रवार, 25 जुलाई 2025 को डीआरडीओ ने आंध्र प्रदेश के कुरनूल में नेशनल ओपन एरिया रेंज (NOAR) में ड्रोन मिसाइल ULPGM-V3 का सफल परीक्षण किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे भारत की रक्षा क्षमता में मील का पत्थर बताया।

मिसाइल की खासियत

ULPGM-V3 एक हवा से जमीन पर मार करने वाली ड्रोन मिसाइल है। इसका वजन 12.5 किलोग्राम है और यह डीजल, बायोडीजल, जेट-A1 और केरोसिन जैसे चार फ्यूल से संचालित होती है। इसमें इमेजिंग इंफ्रारेड सीकर है, जो दिन में 4 किमी और रात में 2.5 किमी की रेंज में सटीक निशाना लगाता है। यह फायर-एंड-फॉरगेट मिसाइल गतिशील लक्ष्यों को भी भेद सकती है।

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डीआरडीओ और उद्योगों की साझेदारी

डीआरडीओ ने इस मिसाइल को डिजाइन और विकसित किया, जबकि अडानी डिफेंस और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) इसके निर्माण में भागीदार हैं। परीक्षण में हेक्साकॉप्टर ड्रोन का उपयोग किया गया। रक्षा मंत्री ने डीआरडीओ, एमएसएमई और स्टार्टअप्स को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम है।

प्रोजेक्ट का महत्व

ULPGM-V3 को बेंगलुरु में फरवरी 2025 में हुए एयरो इंडिया में प्रदर्शित किया गया था। यह मिसाइल तीन वेरिएंट्स—V1, V2 और V3—में उपलब्ध है, जिसमें V3 सबसे उन्नत है। इसका डुअल-थ्रस्ट प्रोपल्शन सिस्टम और मल्टीपल वॉरहेड इसे विभिन्न युद्ध परिस्थितियों के लिए उपयुक्त बनाते हैं।

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कुरनूल में टेस्टिंग

कुरनूल का NOAR रेंज अत्याधुनिक हथियारों के परीक्षण के लिए जाना जाता है। हाल ही में यहां डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स और एंटी-ड्रोन सिस्टम का भी परीक्षण हुआ। ULPGM-V3 का सफल परीक्षण भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक और युद्ध रणनीति में ड्रोन मिसाइल की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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