Himachal News: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने डंकी रूट के जरिए मानव तस्करी के गंभीर मामले में चंबा निवासी सनी धोंकर को गिरफ्तार किया है। धर्मशाला से पकड़े गए सनी पर 17 करोड़ से अधिक के हवाला लेनदेन का आरोप है। यह रकम अवैध रूप से 100 से अधिक लोगों को अमेरिका भेजने में इस्तेमाल हुई। पंजाब पुलिस की एफआईआर के बाद एनआईए ने मार्च 2025 में जांच शुरू की थी।
एनआईए की कार्रवाई का खुलासा
एनआईए ने 4 जुलाई को हिमाचल और दिल्ली में छापेमारी कर सनी धोंकर और शुभम संधाल को गिरफ्तार किया। सनी, गगनदीप सिंह उर्फ गोल्डी का मुख्य सहयोगी था, जो मार्च में पकड़ा गया। गोल्डी ने प्रत्येक व्यक्ति से 45 लाख रुपये लेकर उन्हें डंकी रूट से अमेरिका भेजा। इस दौरान पीड़ितों को शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। जांच में अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क के तार सामने आए हैं।
डंकी रूट का खतरनाक सफर
डंकी रूट के जरिए लोग स्पेन, मैक्सिको, ग्वाटेमाला और अन्य देशों से होते हुए अमेरिका पहुंचाए गए। यह सफर जंगल, नदियों और खतरनाक रास्तों से भरा था। पीड़ितों ने बताया कि उन्हें रास्ते में डराया-धमकाया गया और अतिरिक्त पैसे वसूले गए। सनी ने इस अवैध यात्रा को सुगम बनाने में अहम भूमिका निभाई। कई पीड़ितों को अमानवीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, जिसने उनके सपनों को बर्बाद किया।
हवाला के जरिए पैसों का खेल
शुभम संधाल उर्फ दीप हुंडी हवाला के जरिए पैसों को लैटिन अमेरिका में एजेंट्स तक पहुंचाता था। गगनदीप ने पीड़ितों से वसूले गए पैसे का हिस्सा इन एजेंट्स को भेजा। सनी भी इस हवाला नेटवर्क का हिस्सा था और पैसों को ठिकाने लगाने में शामिल था। एनआईए की जांच में पता चला कि इस रैकेट ने सैकड़ों लोगों की जिंदगी को जोखिम में डाला। जांच अभी भी जारी है।
जांच में गहरा रहा खुलासा
एनआईए ने पंजाब पुलिस से 13 मार्च 2025 को केस अपने हाथ में लिया। जांच में सामने आया कि गगनदीप ने 100 से अधिक लोगों को गैरकानूनी तरीके से अमेरिका भेजा। पीड़ितों को वैध वीजा का लालच देकर ठगा गया। सनी और शुभम ने इस नेटवर्क को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। एनआईए अब अंतरराष्ट्रीय तस्करी गिरोह के हर पहलू की गहन जांच कर रही है।
पीड़ितों की दर्दनाक कहानी
डंकी रूट से अमेरिका पहुंचने की उम्मीद में कई लोग अपनी जमा-पूंजी गंवा बैठे। पीड़ितों ने बताया कि उन्हें रास्ते में भूख, डर और हिंसा का सामना करना पड़ा। कुछ ने जंगल में मौत को करीब से देखा। यह तस्करी रैकेट न केवल पैसे लूटता था, बल्कि लोगों की जिंदगी को भी खतरे में डालता था। एनआईए की कार्रवाई से ऐसे नेटवर्क को तोड़ने की उम्मीद जगी है।
स्थानीय पुलिस का सहयोग
कांगड़ा की एसएसपी शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि एनआईए को जांच में स्थानीय पुलिस का पूरा सहयोग मिला। सनी धोंकर को धर्मशाला के कोतवाली बाजार क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। वह बीते कुछ सालों से धर्मशाला में रह रहा था। एनआईए की छापेमारी में कांगड़ा पुलिस ने सक्रिय भूमिका निभाई। इस कार्रवाई से मानव तस्करी के खिलाफ सख्त कदम उठाने का संदेश गया है।
