Washington News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने के फैसले ने वैश्विक स्तर पर चर्चा शुरू कर दी है। इस फैसले से भारत के दो-तिहाई निर्यात पर प्रभाव पड़ सकता है। इसी बीच अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप को पद से हटाने की संभावनाओं पर राजनीतिक बहस तेज हो गई है।
अमेरिकी संविधान में महाभियोग प्रक्रिया
अमेरिकी संविधान के अनुच्छेद II धारा 4 में राष्ट्रपति को पद से हटाने का प्रावधान है। इसके तहत राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और सभी सिविल अधिकारियों को पद से हटाया जा सकता है। महाभियोग का आधार राजद्रोह, भ्रष्टाचार या अन्य गंभीर अपराध हो सकते हैं। यह प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होती है।
प्रतिनिधि सभा की भूमिका
महाभियोग प्रक्रिया की शुरुआत प्रतिनिधि सभा से होती है। सबसे पहले हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में जांच की जाती है। यहां पर महाभियोग प्रस्ताव पारित किया जाता है। इसके लिए साधारण बहुमत की आवश्यकता होती है। प्रस्ताव पारित होने के बाद मामला सीनेट में भेजा जाता है।
सीनेट में निर्णायक प्रक्रिया
सीनेट में मामले की सुनवाई होती है। यहां दो-तिहाई बहुमत से निर्णय लिया जाता है। यदि दो-तिहाई सांसद राष्ट्रपति को दोषी पाते हैं तो उन्हें पद से हटाया जा सकता है। इस प्रक्रिया में राजनीतिक समर्थन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कानूनी तथ्यों के साथ राजनीतिक गठजोड़ भी जरूरी है।
इतिहास में महाभियोग के उदाहरण
अमेरिका के इतिहास में तीन राष्ट्रपति महाभियोग की प्रक्रिया का सामना कर चुके हैं। एंड्रयू जॉनसन, बिल क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ प्रस्ताव पारित हुए। लेकिन किसी को भी सीनेट में दो-तिहाई बहुमत नहीं मिला। इसलिए कोई भी राष्ट्रपति पद से नहीं हटाया जा सका।
वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य
महाभियोग की प्रक्रिया पूरी तरह से राजनीतिक होती है। इसमें कानूनी पहलुओं के साथ राजनीतिक समर्थन जरूरी है। वर्तमान में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की संभावनाओं पर चर्चा जारी है। यह प्रक्रिया जटिल और लंबी होती है। इसके लिए व्यापक राजनीतिक सहमति की आवश्यकता होती है।
