World News: अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के स्पीकर माइक जॉनसन ने दावा किया है कि डोनाल्ड ट्रंप जेफ्री एपस्टीन मामले में एफबीआई के मुखबिर थे। यह बयान ऐसे समय आया है जब ट्रंप ने एपस्टीन मामले को डेमोक्रेटिक पार्टी का धोखा बताया है। अमेरिका में एपस्टीन मामले से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग तेज हो गई है।
जॉनसन ने कहा कि ट्रंप ने एपस्टीन के खिलाफ अफवाहें सुनने के बाद उसे अपने मार-ए-लागो रिजॉर्ट से निकाल दिया था। उन्होंने दावा किया कि ट्रंप एफबीआई के मुखबिर भी रहे। स्पीकर ने कहा कि राष्ट्रपति की पीड़ित महिलाओं के प्रति गहरी संवेदना है। व्हाइट हाउस ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
एपस्टीन मामले की पृष्ठभूमि
जेफ्री एपस्टीन एक कुख्यात यौन तस्कर था जिस पर नाबालिग लड़कियों का शोषण करने का आरोप था। उसे 2019 में यौन तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जेल में ही उसकी कथित तौर पर आत्महत्या हो गई। एपस्टीन के कई उच्च प्रोफाइल लोगों से संबंध थे।
अमेरिकी न्याय विभाग और एफबीआई ने कहा है कि एपस्टीन के पास बड़े लोगों की कोई सूची नहीं थी। उन्होंने उसकी मौत को आत्महत्या बताया है। हालांकि कई लोगों को संदेह है कि उसकी हत्या की गई थी। ट्रंप और एपस्टीन के रिश्तों पर भी सवाल उठते रहे हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
ट्रंप ने एपस्टीन मामले पर नाराजगी जताई है। उन्होंने इसे डेमोक्रेटिक पार्टी की साजिश बताया है। ट्रंप का कहना है कि यह मामला सरकार की सफलता से ध्यान भटकाने के लिए उठाया जा रहा है। इस मामले ने अमेरिकी राजनीति में नई बहस छेड़ दी है।
सरकार पर फाइलों को सार्वजनिक करने का दबाव बढ़ रहा है। जनता जानना चाहती है कि एपस्टीन के ग्राहकों में कौन-कौन शामिल था। इस मामले ने राजनीतिक और व्यापारिक हलकों में हलचल मचा दी है। आगे की कार्रवाई का इंतजार है।
