Venezuela News: कैरिबियन सागर में इस वक्त भारी तनाव का माहौल है। अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump (डोनाल्ड ट्रंप) ने ड्रग तस्करी रोकने के नाम पर लैटिन अमेरिका के पास बड़ी सैन्य ताकत तैनात कर दी है। इस बीच रूस ने वेनेजुएला को अपना पूरा समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। रूस की इस घोषणा के बाद इस इलाके में महाशक्तियों के बीच टकराव की आशंका बढ़ गई है। रूसी विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों देश अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अमेरिका की घेराबंदी करेंगे।
रूस और वेनेजुएला की बड़ी रणनीति
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने वेनेजुएला के विदेश मंत्री से फोन पर लंबी बात की है। दोनों नेताओं ने कैरिबियन में अमेरिका के बढ़ते सैन्य कदमों पर चिंता जताई। रूस का कहना है कि Donald Trump (डोनाल्ड ट्रंप) के ये कदम अंतरराष्ट्रीय समुद्री यातायात के लिए खतरा हैं। क्रेमलिन ने वादा किया है कि वह संयुक्त राष्ट्र (UN) में वेनेजुएला की संप्रभुता की रक्षा के लिए खड़ा रहेगा। यह कदम साफ तौर पर अमेरिका के खिलाफ एक कूटनीतिक मोर्चा है।
ट्रंप का सख्त सैन्य अभियान
अमेरिका का दावा है कि वह ड्रग स्मगलिंग रोकने के लिए ऑपरेशन चला रहा है। पेंटागन ने हाल ही में एयरक्राफ्ट कैरियर USS Gerald R. Ford को इस इलाके में भेजा है। Donald Trump (डोनाल्ड ट्रंप) प्रशासन ने वेनेजुएला के ऊपर हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है और तेल टैंकरों को जब्त करना शुरू कर दिया है। अमेरिकी नौसेना अब तक कई नावों को नष्ट कर चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ट्रंप ने सीआईए (CIA) को वेनेजुएला में गुप्त ऑपरेशन चलाने की हरी झंडी भी दे दी है।
क्या छिड़ेगी कोई बड़ी जंग?
फिलहाल रूस ने वेनेजुएला को केवल कूटनीतिक और राजनीतिक समर्थन दिया है। रूस खुद यूक्रेन युद्ध में व्यस्त है, इसलिए वह सीधे तौर पर अपनी सेना नहीं भेज सकता। हालांकि, वेनेजुएला ने हथियारों की मदद जरूर मांगी है। विशेषज्ञों का मानना है कि Donald Trump (डोनाल्ड ट्रंप) अपनी सुरक्षा की बात कर रहे हैं, जबकि रूस इसे आक्रमण बता रहा है। संयुक्त राष्ट्र में रूस और चीन मिलकर वेनेजुएला का साथ दे रहे हैं। आने वाले दिनों में यह तनाव पूरी दुनिया के लिए मुसीबत बन सकता है।
