World News: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों पर अपनी राय रखी है। मिस्र के शर्म अल शेख में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने भारत को ‘महान देश’ बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना ‘बहुत अच्छा मित्र’ कहा। ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्हें लगता है कि भारत और पाकिस्तान मिलकर अच्छे से रह सकते हैं।
ट्रंप ने यह बात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मौजूदगी में कही। अपने भाषण के दौरान उन्होंने पीछे खड़े शहबाज शरीफ की ओर देखते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के काम की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने शानदार काम किया है। इसके बाद उन्होंने दोनों पड़ोसी देशों के बीच शांति की संभावना जताई।
इससे पहले, ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की सराहना की थी। उन्होंने शरीफ को सम्मेलन को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया। शरीफ के भाषण के बाद ट्रंप ने उनके संबोधन को ‘शानदार’ बताया। मजाकिया अंदाज में उन्होंने कहा कि अब कहने के लिए कुछ बचा नहीं है, इसलिए सब घर चलते हैं।
आठ युद्ध रुकवाने का दावा
डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने अब तक आठ युद्ध रुकवाए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा करके उन्होंने लाखों लोगों की जान बचाई है। ट्रंप ने नोबेल शांति पुरस्कार न मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने यह काम पुरस्कार के लिए नहीं बल्कि लोगों की जिंदगी बचाने के लिए किया। उन्होंने इजराइल-गाजा संघर्ष को भी इस सूची में शामिल किया है।
भारत-पाकिस्तान सीजफायर का दावा
ट्रंप लगातार भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम का श्रेय लेते रहे हैं। उन्होंने पिछले महीने सोशल मीडिया पर दावा किया था कि अमेरिकी मध्यस्थता से दोनों देश ‘पूर्ण और तत्काल’ संघर्ष विराम पर सहमत हुए। हालांकि, भारत ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि यह समझौता दोनों देशों की सेनाओं के प्रमुखों के बीच सीधी बातचीत का नतीजा था।
भारतीय अधिकारियों के अनुसार, सीजफायर पर सहमति भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच हुई वार्ता के बाद बनी थी। इसमें किसी बाहरी मध्यस्थ की भूमिका नहीं थी। यह बयान ट्रंप के दावों के सीधे विपरीत है। भारत सरकार ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिकी मीडिया ने ट्रंप के इन बयानों को लेकर विस्तृत कवरेज दी है। कई अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह बयान अमेरिकी विदेश नीति में भारत-प्रशांत क्षेत्र के बढ़ते महत्व को दर्शाता है। भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार की दिशा में यह एक सकारात्मक टिप्पणी मानी जा रही है।
हालांकि, राजनीतिक विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि ट्रंप के इन बयानों का वास्तविक भूराजनीतिक प्रभाव सीमित हो सकता है। दोनों देशों के बीच मुद्दे बहुत जटिल हैं और इनका समाधान केवल द्विपक्षीय वार्ता से ही संभव है। अंतरराष्ट्रीय संबंधों के जानकार इसे ट्रंप की विशिष्ट बयानबाजी का हिस्सा मान रहे हैं।
पाकिस्तानी मीडिया ने ट्रंप के बयानों को काफी महत्व दिया है। वहां के समाचार चैनलों ने शहबाज शरीफ और ट्रंप की बातचीत को विस्तार से दिखाया। पाकिस्तान में इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति को मजबूती देने वाला कदम माना जा रहा है। हालांकि, दोनों देशों के बीच वास्तविक सुधार के लिए ठोस कदमों की जरूरत होगी।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भारत-पाकिस्तान संबंधों के महत्व को रेखांकित किया है। विश्व के शक्तिशाली नेता के रूप में ट्रंप की यह टिप्पणी क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति अमेरिकी रुचि को दर्शाती है। आने वाले समय में देखना होगा कि क्या यह बयान वास्तव में दोनों देशों के बीच संवाद को नई दिशा दे पाता है।
