World News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध को रोका। यह बयान उन्होंने नाटो महासचिव मार्क रट के साथ बैठक में दिया। ट्रंप ने कहा कि व्यापारिक दबाव के जरिए उन्होंने दोनों देशों को शांति समझौता करने के लिए मजबूर किया। हालांकि, भारत ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि संघर्ष विराम सैन्य स्तर पर सीधे बातचीत से हुआ।
ट्रंप का बार-बार दोहराया गया दावा
ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव इतना बढ़ गया था कि एक सप्ताह में परमाणु युद्ध शुरू हो सकता था। उन्होंने दावा किया कि अमेरिका ने व्यापारिक वार्ता को हथियार बनाकर दोनों देशों को शांति के लिए राजी किया। यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने ऐसा कहा। जून में भी उन्होंने एयर फोर्स वन में पत्रकारों से यही दावा किया था। भारत ने हर बार इन दावों को नकारा है।
पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की, लेकिन भारत के हवाई रक्षा तंत्र ने सभी हमलों को नाकाम कर दिया। भारत को कोई नुकसान नहीं हुआ, जैसा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने भी पुष्टि की।
भारत का स्पष्ट रुख, पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
भारत ने बार-बार कहा है कि संघर्ष विराम में कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था। पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारतीय समकक्ष से संपर्क कर सैन्य कार्रवाइयां रोकने का अनुरोध किया था। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून में ट्रंप से फोन पर बातचीत में भी स्पष्ट किया कि भारत मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने ट्रंप की भूमिका की सराहना की और उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया।
ट्रंप के दावों पर सवाल
ट्रंप के दावों को लेकर भारत में सियासी हलचल भी देखने को मिली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए, पूछा कि ट्रंप के बार-बार दावे पर वह जवाब क्यों नहीं दे रहे। विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भी ट्रंप के दावे का समर्थन किया, लेकिन भारत ने इसे सिरे से खारिज किया। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप का यह बयान उनकी कूटनीतिक उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की कोशिश हो सकती है।
क्या है हकीकत?
10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन की तीखी सैन्य झड़प के बाद संघर्ष विराम हुआ। भारत ने इसे सैन्य स्तर की बातचीत का नतीजा बताया, जिसमें पाकिस्तान ने पहल की। ट्रंप के दावे के बावजूद, भारत का रुख साफ है कि यह द्विपक्षीय समझौता था। ट्रंप के बयान ने वैश्विक मंच पर चर्चा तो छेड़ दी, लेकिन भारत अपनी संप्रभुता और स्वतंत्र नीति पर कायम है।
