Washington News: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि इजरायल और हमास ने उनकी गाजा शांति योजना पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इस समझौते के तहत सभी बंधकों को जल्द रिहा किया जाएगा। इजरायल अपनी सेना को सहमत रेखा पर वापस बुलाएगा।
ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर एक पोस्ट लिखकर इसकी जानकारी दी। उन्होंने इसे शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। इस समझौते पर सहमति मिस्र में हुई बैठक के दौरान बनी थी। हालांकि अभी भी कई मुद्दों पर स्पष्टता नहीं है।
ट्रंप ने क्या कहा अपने पोस्ट में?
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में विस्तार से जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा कि उन्हें यह घोषणा करते हुए बहुत गर्व हो रहा है। इजरायल और हमास दोनों ने शांति योजना के पहले चरण पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे सभी बंधक जल्द रिहा हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि यह एक मजबूत और स्थायी शांति की ओर पहला कदम है। ट्रंप ने कतर, मिस्र और तुर्की के मध्यस्थों का भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इन देशों ने इस ऐतिहासिक घटना को संभव बनाने में मदद की।
मिस्र में कैसे बनी सहमति?
मंगलवार को मिस्र के शर्म अल शेख रिसॉर्ट में इजरायल और हमास के बीच वार्ता हुई। यह अप्रत्यक्ष वार्ता थी जिसमें दोनों पक्षों ने अमेरिकी शांति योजना पर चर्चा की। कई घंटों तक चली बातचीत के बाद सहमति बन पाई।
मिस्र के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्ष पहले चरण की ज्यादातर शर्तों पर सहमत हो गए। इनमें बंधकों की रिहाई और युद्धविराम जैसे मुद्दे शामिल हैं। इस वार्ता को एक सकारात्मक विकास माना जा रहा है।
शांति योजना की क्या हैं मुख्य बातें?
ट्रंप की शांति योजना में कई महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं। हमास के निरस्त्रीकरण की मांग प्रमुख है। इजरायल के प्रधानमंत्री लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं। हमास ने अभी तक इस पर स्पष्ट रुख नहीं दिखाया है।
योजना के अनुसार हमास के निरस्त्रीकरण के बाद इजरायल सैनिक वापस बुलाएगा। एक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल की स्थापना की जाएगी। इसके बाद गाजा को अंतरराष्ट्रीय शासन के अधीन किया जाएगा। ट्रंप और टोनी ब्लेयर इसकी देखरेख करेंगे।
युद्ध की क्या है पृष्ठभूमि?
यह संघर्ष सात अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ था। हमास के नेतृत्व वाले चरमपंथियों ने दक्षिणी इजरायल में हमला किया था। इस हमले में लगभग 1,200 लोगों की मौत हुई थी। अधिकांश पीड़ित नागरिक थे।
हमलावरों ने 251 लोगों का अपहरण भी किया था। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने इजरायल के गाजा आक्रमण को नरसंहार बताया है। हालांकि इजरायल इन आरोपों का पुरजोर खंडन करता है। यह समझौता इस लंबे संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक कोशिश है।
