Himachal News: देहरा के हनुमान चौक में एक विधवा महिला के साथ ससुराल पक्ष द्वारा की गई मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। पीड़िता पूर्णिमा शर्मा ने अपने ससुर, जेठ और जेठानी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पति की मृत्यु के बाद से ही उन्हें और उनकी तीन साल की बेटी को घर व दुकान से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। इस मामले ने पूरे प्रदेश में घरेलू हिंसा की चर्चा को फिर से गर्मा दिया है।
पीड़िता पूर्णिमा शर्मा का भावुक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। उन्होंने बताया कि उन्हें बहाने से बुलाकर मारपीट की गई और उनके जेठ ने उनके हाथ पर काट लिया। पूर्णिमा ने आरोप लगाया कि ससुराल पक्ष के लोग उन्हें जान से मारना चाहते हैं। पति की मौत के बाद वह अपनी छोटी बच्ची के साथ अकेले दुकान चलाकर अपना गुजारा कर रही थीं। इस दौरान लगातार उन्हें मानसिक प्रताड़ना दी जा रही थी।
वायरल वीडियो के बाद देहरा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया है। पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायतें दर्ज की हैं और उनका मेडिकल एग्जामिनेशन करवाया है। एसपी देहरा मयंक चौधरी ने पुष्टि की कि पूर्णिमा शर्मा की शिकायत पर घरेलू हिंसा का मामला दर्ज किया गया है। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद मामले में और धाराएं जोड़ी जा सकती हैं।
यह घटना समाज के सामने घरेलू हिंसा की उस सच्चाई को लेकर आई है जो अक्सर बंद दरवाजों के पीछे दबकर रह जाती है। एक मां का अपनी छोटी बच्ची के साथ संघर्ष और फिर ससुराल पक्ष द्वारा कथित हिंसा की घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। सोशल मीडिया पर यह मामला गर्मा हुआ है और लोग पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश महिला आयोग भी इस मामले में हरकत में आ गया है। आयोग की सदस्य रीना दारोच ने कहा है कि उनके संज्ञान में यह मामला आ गया है। उन्होंने साफ कहा कि महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रीना दारोच वर्तमान में प्रदेश से बाहर हैं लेकिन वापसी पर दोनों पक्षों को बुलाकर विस्तृत सुनवाई करेंगी।
महिला आयोग की यह कार्रवाई पीड़िता को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विद्या नेगी के नेतृत्व में आयोग लगातार महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के मामलों पर काम कर रहा है। हाल ही में आयोग ने ढाई साल के इंतजार के बाद शिमला में अपना कोर्ट लगाकर कई मामलों की सुनवाई की थी।
पुलिस और महिला आयोग की सक्रियता से अब पीड़िता को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ी है। इस मामले ने एक बार फिर से समाज में महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता की जरूरत को रेखांकित किया है। घटना की जांच जारी है और आने वाले दिनों में और नए तथ्य सामने आ सकते हैं।
