शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

डॉक्टर चेतावनी: पीरियड ब्लड फेशियल ट्रेंड खतरनाक, त्वचा को नुकसान

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Health News: सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा ‘मेंस्ट्रुअल मास्किंग’ ट्रेंड स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है। इस ट्रेंड में दावा किया जा रहा है कि मासिक धर्म के रक्त को चेहरे पर लगाने से त्वचा में चमक आती है। हालांकि, त्वचा विशेषज्ञ इस दावे को पूरी तरह से झूठ और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बता रहे हैं।

डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर दिनेश कुमार सहित कई विशेषज्ञ इस ट्रेंड को खतरनाक बता रहे हैं। उनके अनुसार पीरियड ब्लड एक स्वच्छ उत्पाद नहीं है और इसमें विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीव मौजूद हो सकते हैं। इसे चेहरे की त्वचा पर लगाने से संक्रमण, जलन और एलर्जी का गंभीर खतरा पैदा हो जाता है।

विशेषज्ञों ने गिनाए कई खतरे

डॉक्टर दिनेश कुमार ने इस ट्रेंड को न अपनाने के कई महत्वपूर्ण कारण बताए। उन्होंने स्पष्ट किया कि पीरियड ब्लड के त्वचा पर कोई सिद्ध लाभ नहीं हैं। इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिलता है कि इससे त्वचा में सकारात्मक बदलाव आते हैं। यह एक अस्वच्छ प्रक्रिया है जिसमें संक्रमण का जोखिम बहुत अधिक होता है।

विशेषज्ञों के अनुसार अगर चेहरे पर कोई मुँहासे, घाव या खुले रोमछिद्र हों तो पीरियड ब्लड लगाने से स्थिति और बिगड़ सकती है। इससे गंभीर जलन और खुजली की समस्या हो सकती है। यह ट्रेंड त्वचा की नाजुक परत को नुकसान पहुंचा सकता है।

पीरियड ब्लड की वास्तविक प्रकृति

अमेरिकी राष्ट्रीय चिकित्सा पुस्तकालय के अनुसार मासिक धर्म रक्त एक तरल पदार्थ है जिसमें मृत ऊतक शामिल होते हैं। यह गर्भधारण न होने पर शरीर द्वारा बहाया गया एक अपशिष्ट उत्पाद है। इसमें योनि क्षेत्र के विभिन्न तरल पदार्थ और सूक्ष्मजीव भी मौजूद होते हैं।

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पीरियड ब्लड में लगभग 300 प्रकार के प्रोटीन, एसिड और एंजाइम पाए जाते हैं। यह शरीर की एक प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया का हिस्सा है लेकिन इसे त्वचा देखभाल उत्पाद के रूप में इस्तेमाल करना पूरी तरह से गलत है। इसकी संरचना किसी भी तरह से त्वचा के लिए फायदेमंद नहीं मानी जाती।

वैज्ञानिक तथ्यों की कमी

सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों के विपरीत पीरियड ब्लड में रेटिनॉल जैसे तत्व नहीं पाए जाते। रेटिनॉल एक विटामिन-ए व्युत्पन्न है जो त्वचा की देखभाल में प्रभावी सिद्ध हुआ है। लेकिन इसका मासिक धर्म रक्त से कोई संबंध नहीं है।

वर्तमान में इस विषय पर कोई वैज्ञानिक शोध या अध्ययन मौजूद नहीं है जो मेंस्ट्रुअल मास्किंग के लाभों की पुष्टि करता हो। डॉक्टर कुमार के अनुसार सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली हर चीज को बिना सोचे-समझे फॉलो नहीं करना चाहिए।

सुरक्षित विकल्प उपलब्ध

त्वचा विशेषज्ञों का मानना है कि प्लेटलेट रिच प्लाज्मा थेरेपी जैसे मेडिकल ट्रीटमेंट हैं जो रक्त उत्पादों का सुरक्षित उपयोग करते हैं। यह उपचार प्रशिक्षित विशेषज्ञों द्वारा अस्पतालों में किए जाते हैं। इनसे त्वचा के काले धब्बे और झुर्रियों में सुधार देखा गया है।

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लेकिन यह प्रक्रिया सीधे पीरियड ब्लड के इस्तेमाल से पूरी तरह अलग है। इसमें रोगी के अपने रक्त के विशेष घटकों को अलग करके त्वचा में इंजेक्ट किया जाता है। यह एक नियंत्रित और वैज्ञानिक प्रक्रिया है।

त्वचा देखभाल के सुरक्षित तरीके

डॉक्टर दिनेश कुमार ने त्वचा की देखभाल के लिए कुछ सुरक्षित और प्रभावी तरीके सुझाए हैं। चेहरे को नियमित रूप से हल्के फेस वॉश या क्लींजर से साफ करना चाहिए। त्वचा को हाइड्रेट रखने के लिए अच्छी क्वालिटी के मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए।

धूप में निकलने से पहले एसपीएफ 30 या उससे अधिक वाले सनस्क्रीन का उपयोग अनिवार्य है। त्वचा के प्रकार के अनुसार ही उत्पादों का चयन करना चाहिए। पर्याप्त नींद और संतुलित आहार भी स्वस्थ त्वचा के लिए बहुत जरूरी है।

नकली दावों से रहें सावधान

डॉक्टर कुमार ने जोर देकर कहा कि स्वस्थ त्वचा के लिए बुनियादी देखभाल ही काफी है। किसी भी ऐसी चीज पर भरोसा नहीं करना चाहिए जो वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं हुई हो। लार या पीरियड ब्लड जैसे पदार्थों को चेहरे पर लगाना खतरनाक हो सकता है।

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स द्वारा प्रचारित ऐसे ट्रेंड्स से जनस्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि किसी भी नए ट्रेंड को अपनाने से पहले योग्य त्वचा विशेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

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