शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

आपदा प्रबंधन: धर्मशाला में वैश्विक विशेषज्ञ जुटेंगे, चर्चा होगी पर्वतीय चुनौतियों पर

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केंद्र धर्मशाला में आपदा प्रबंधन पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन तीन और चार दिसंबर को होगा। सम्मेलन का विषय समसामयिक मुद्दे और चुनौतियां रखा गया है। इसका लक्ष्य आपदा प्रबंधन के नए रुझानों पर वैश्विक चर्चा को बढ़ावा देना है।

क्षेत्रीय केंद्र धर्मशाला के निदेशक प्रोफेसर कुलदीप अत्री ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह आयोजन विश्वविद्यालय के आपदा प्रबंधन अध्ययन केंद्र के साथ मिलकर किया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और भूकंप का खतरा बढ़ रहा है। जलवायु परिवर्तन ने इन आपदाओं की आवृत्ति में वृद्धि की है।

प्रोफेसर अत्री ने जोर देकर कहा कि ऐसे अंतरराष्ट्रीय मंच की सख्त जरूरत है। यह मंच नीति निर्माताओं और विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा। पहाड़ी इलाकों में आपदा प्रबंधन के लिए नए समाधानों की तलाश की जाएगी। स्थानीय समुदायों की भागीदारी इसका प्रमुख फोकस होगी।

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सम्मेलन का स्वरूप और कार्यक्रम

सम्मेलन के संयोजक प्रोफेसर धर्म प्रकाश शर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा साझा की। तीन दिसंबर को सभी सत्र खनियारा स्थित क्षेत्रीय केंद्र में आयोजित होंगे। इस दिन उद्घाटन सत्र और विशेषज्ञ व्याख्यान होंगे। शोधार्थी अपने शोध पत्रों की प्रस्तुति भी देंगे।

चार दिसंबर को सभी गतिविधियां ऑनलाइन मोड में स्थानांतरित हो जाएंगी। इस दिन थीम आधारित पैनल चर्चाओं का आयोजन किया जाएगा। डिजिटल टूल्स और सिमुलेशन मॉडल का लाइव प्रदर्शन एक मुख्य आकर्षण होगा। यह प्रदर्शन प्रतिभागियों को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करेगा।

चर्चा के प्रमुख विषय

इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण विषयों पर गहन विचार-विमर्श होगा। आपदा जोखिम न्यूनीकरण और जलवायु परिवर्तन पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। पर्वतीय क्षेत्रों की संवेदनशीलता का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया जाएगा। आपातकालीन संचार प्रणालियों की भूमिका पर भी चर्चा होगी।

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सामुदायिक आपदा प्रबंधन और स्मार्ट तकनीकों के एकीकरण पर विशेष जोर दिया जाएगा। जीआईएस आधारित मॉडल्स का उपयोग एक अन्य प्रमुख विषय है। इन सभी विषयों पर देश-विदेश के विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा करेंगे।

भागीदारी और प्रक्रिया

इच्छुक शोधार्थी और विद्वान अभी भी इस सम्मेलन का हिस्सा बन सकते हैं। उन्हें 28 नवंबर तक अपने शोध सारांश जमा करने होंगे। शोध पत्र क्षेत्रीय केंद्र धर्मशाला को भेजे जाएंगे। चयनित सभी प्रतिभागियों को सम्मेलन के अंत में प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।

इस सम्मेलन में भारत के साथ-साथ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे। नीति निर्माता, शोधार्थी और युवा वैज्ञानिक एक मंच पर इकट्ठा होंगे। इससे आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में नए विचारों और समाधानों को बल मिलेगा। यह आयोजन ज्ञान के आदान-प्रदान का एक उत्कृष्ट अवसर साबित होगा।

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