Himachal News: हिमाचल प्रदेश के सराज घाटी में थुनाग बाजार हालिया प्राकृतिक आपदा से पूरी तरह तबाह हो गया। देजी खड्ड और तीन नालों—तांदी, घुमराला, और खमरार—के उफान ने 120 से अधिक दुकानों को नष्ट कर दिया। आपदा प्रभावित व्यापारियों को 15-20 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। कई दुकानें मलबे में दब गईं, व्यापारियों की जिंदगी की कमाई बर्बाद हो गई। यह त्रासदी स्थानीय लोगों के लिए गहरा आघात है।
व्यापारियों की बर्बादी
थुनाग बाजार में बाढ़ ने दुकानों को मलबे और गाद में बदल दिया। एक सुनार की दुकान से 60 लाख रुपये का सोना बह गया। दुकानदार गोलू ने बताया कि उनकी जिंदगी की सारी पूंजी खत्म हो गई। हिमाचल प्रदेश सहकारी बैंक की शाखा को भी नुकसान पहुंचा, लेकिन 39 लाख की सेफ सुरक्षित है। व्यापारियों का कहना है कि उनकी उम्मीदें टूट चुकी हैं, और अब जीविका चलाना मुश्किल है।
प्रशासन पर गुस्सा
प्रभावित दुकानदारों का गुस्सा प्रशासन की सुस्ती पर फूटा। 13 दिन बाद भी ठोस सहायता नहीं मिली। व्यापार मंडल के प्रधान शिव दयाल ठाकुर ने बताया कि कैलाश फर्नीचर हाऊस को 50 लाख का नुकसान हुआ। अन्य दुकानों जैसे हेम लता कॉस्मैटिक्स और जीवा नंद इलैक्ट्रॉनिक्स को भी लाखों का घाटा हुआ। व्यापारी निष्पक्ष आकलन और तत्काल आपदा प्रभावित राहत की मांग कर रहे हैं।
एक व्यापारी का दर्द
ललित कुमार, जिनकी इलैक्ट्रॉनिक्स दुकान पूरी तरह नष्ट हो गई, ने बताया कि आपदा की रात उनका परिवार घर में था। सुबह दुकान का शटर टूटा मिला। 18 लाख रुपये का सामान—फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन—या तो गाद में दब गया या बह गया। यह नुकसान उनके लिए केवल आर्थिक नहीं, बल्कि भावनात्मक आघात भी है। उनकी कहानी हिमाचल के कई व्यापारियों की पीड़ा को दर्शाती है।
प्रशासन का जवाब
तहसीलदार रजत सेठी ने कहा कि प्रशासन ने 50 दुकानदारों को राहत राशि दी है। उन्होंने उदासीनता के आरोपों को खारिज किया। टीमें लगातार बाजार का दौरा कर नुकसान का आकलन कर रही हैं। यह प्रक्रिया चल रही है, और जल्द और राहत दी जाएगी। प्रशासन का दावा है कि वह प्रभावितों के साथ है, लेकिन व्यापारी अब ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।
राहत की जरूरत
थुनाग बाजार के व्यापारी अपनी जिंदगी दोबारा शुरू करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बाढ़ ने न केवल उनकी आजीविका छीनी, बल्कि भविष्य की उम्मीदें भी धूमिल कर दीं। व्यापार मंडल ने मांग की है कि हर आपदा प्रभावित दुकानदार को उचित मुआवजा मिले। यह सहायता उनके लिए कर्ज चुकाने और परिवार चलाने का एकमात्र रास्ता है। इंडिया टुडे के अनुसार, राहत कार्य जारी हैं।
