Himachal News: हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रभावित छतरी क्षेत्र में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने दौरा किया। उन्होंने प्रभावित परिवारों से मिलकर उनका दुख-दर्द सुना। छतरी में आपदा ने उपजाऊ भूमि, सड़कों और मकानों को भारी नुकसान पहुंचाया। मांझीगाड, बिलागाड, भलाती और ठेंसर गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। ठाकुर ने राहत सामग्री बांटी और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। लोगों में दुख के साथ पुनर्निर्माण की उम्मीद भी दिखी।
आपदा ने 30 साल पीछे धकेला
जयराम ठाकुर ने कहा कि 30 जून की आपदा ने छतरी को 30 साल पीछे धकेल दिया। उन्होंने याद किया कि पहले नदी-नालों पर पुल नहीं थे। लोग डिफी (लकड़ी के अस्थाई पुल) से आते-जाते थे। 30 साल की मेहनत से क्षेत्र विकसित हुआ, लेकिन आपदा ने पुल बहा दिए। अब फिर से डिफी का सहारा लेना पड़ा। ठाकुर ने कहा कि नुकसान का आकलन मुश्किल है, लेकिन हिम्मत नहीं हारेंगे।
जी-जान से करेंगे पुनर्निर्माण
नेता प्रतिपक्ष ने भरोसा दिलाया कि आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए दिन-रात काम करेंगे। उन्होंने कहा कि छतरी में दो घर पूरी तरह नष्ट हुए, जबकि सैकड़ों घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हैं। फिर भी, लोगों की जान बचने की खुशी है। ठाकुर ने प्रभावितों को राहत सामग्री दी और आगे भी सहायता का वादा किया। उन्होंने क्षेत्र की स्थिति को उजागर करने की बात कही।
सड़क बहाली पर जोर
जयराम ठाकुर ने बताया कि प्रशासन मुख्य सड़कों की बहाली पर ध्यान दे रहा है। छतरी में सेब की फसल तैयार है, लेकिन सड़कें बंद होने से मंडियों तक पहुंचना मुश्किल है। लिंक रोड्स की मरम्मत न होने से बागबानों को नुकसान हो सकता है। ठाकुर ने सरकार से युद्ध स्तर पर सड़क बहाली की मांग की।
सेब की फसल को बचाने की चुनौती
आपदा ने छतरी के बागबानों को पहले ही नुकसान पहुंचाया है। सेब की फसल खराब होने से उनकी स्थिति और खराब हो सकती है। जयराम ठाकुर ने कहा कि लागत लगाकर तैयार सेब मंडियों तक न पहुंचा तो आर्थिक संकट बढ़ेगा। उन्होंने सरकार से सड़क बहाली में तेजी लाने का आग्रह किया। प्रभावित गांवों में लोग पुनर्निर्माण की उम्मीद के साथ हौसला बनाए हुए हैं।
