Health News: चुकंदर का अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों ने इसके संभावित दुष्प्रभावों को लेकर चेतावनी जारी की है। गलत तरीके या अधिक मात्रा में चुकंदर खाने से लिवर, किडनी और रक्तचाप पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह पाचन संबंधी समस्याएं और एलर्जी भी पैदा कर सकता है।
आयरन की गलतफहमी से बचें
अक्सर लोग चुकंदर को आयरन का प्रमुख स्रोत मानते हैं। वास्तविकता यह है कि इसमें मौजूद आयरन शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित नहीं होता। हरी पत्तेदार सब्जियों और खट्टे फलों के साथ लिया गया आयरन अधिक प्रभावी होता है। चुकंदर पर अत्यधिक निर्भरता अनावश्यक है।
ऑक्सलेट का बढ़ता खतरा
चुकंदर में ऑक्सलेट की मात्रा अधिक होती है। यह पदार्थ कैल्शियम के साथ मिलकर किडनी स्टोन का कारण बन सकता है। नियमित रूप से बड़ी मात्रा में सेवन करने से गुर्दे की समस्याएं हो सकती हैं। संतुलित मात्रा में ही इसका सेवन उचित रहता है।
रक्तचाप पर प्रभाव
चुकंदर प्राकृतिक रूप से रक्तचाप कम करने का काम करता है। निम्न रक्तचाप वाले लोगों के लिए यह समस्या पैदा कर सकता है। इससे चक्कर आना, कमजोरी और बेहोशी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ऐसे लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
लिवर पर पड़ने वाला दबाव
चुकंदर में मौजूद उच्च नाइट्रेट सामग्री लिवर पर अतिरिक्त दबाव डालती है। अधिक मात्रा में सेवन करने से लिवर की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। इससे लिवर में सूजन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। यकृत स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है।
पाचन संबंधी समस्याएं
खाली पेट चुकंदर का सेवन पाचन तंत्र के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे गैस, अपच और पेट फूलने की शिकायत हो सकती है। दिन के समय भोजन के साथ इसका सेवन अधिक उपयुक्त रहता है। सही समय पर सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं के लिए सलाह
गर्भावस्था के दौरान चुकंदर का सेवन सावधानीपूर्वक करना चाहिए। इसमें मौजूद नाइट्रेट्स रक्तचाप में अचानक गिरावट ला सकते हैं। एलर्जी की प्रतिक्रिया भी हो सकती है। डॉक्टर की सलाह के बिना इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
सही तरीका और सही मात्रा
विशेषज्ञ प्रतिदिन आधा कप चुकंदर या उसके जूस को पर्याप्त मानते हैं। जूस की बजाय सलाद के रूप में खाना अधिक फायदेमंद होता है। उबालकर खाने से ऑक्सलेट की मात्रा कम हो जाती है। सप्ताह में दो-तीन बार सेवन उचित रहता है।
