National News: एक नवंबर से देश में पांच बड़े डिजिटल नियम बदल रहे हैं। ये बदलाव आम जनता के बैंकिंग और वित्तीय लेनदेन को प्रभावित करेंगे। सरकार का लक्ष्य डिजिटल प्रक्रियाओं को आसान और सुरक्षित बनाना है। आधार कार्ड धारकों के लिए विशेष राहत की घोषणा हुई है।
आधार अपडेट की पूरी प्रक्रिया अब ऑनलाइन होगी। बिना दस्तावेज अपलोड किए नाम और पता बदल सकेंगे। पैन और आधार लिंकिंग की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तय की गई है। बैंक लॉकर और म्यूचुअल फंड नियमों में भी बदलाव होंगे।
आधार अपडेट में बड़ा बदलाव
आधार कार्ड धारक अब घर बैठे अपना नाम और पता अपडेट कर सकेंगे। किसी दस्तावेज को अपलोड करने की जरूरत नहीं होगी। यह पूरी तरह ऑनलाइन प्रक्रिया होगी। पहले यह सुविधा केवल आधार केंद्रों पर उपलब्ध थी।
यूआईडीएई अब पैन कार्ड और पासपोर्ट जैसे दस्तावेजों से स्वचालित सत्यापन करेगा। इससे अपडेट प्रक्रिया तेज हो जाएगी। लोगों को लंबी कतारों में खड़े होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। समय और पैसे दोनों की बचत होगी।
पैन-आधार लिंकिंग की अंतिम तिथि
पैन कार्ड धारकों के लिए आधार लिंकिंग अनिवार्य है। इसकी अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है। जो पैन कार्ड इस तिथि तक लिंक नहीं होंगे, वे निष्क्रिय हो जाएंगे। निष्क्रिय पैन से वित्तीय लेनदेन प्रभावित होंगे।
एक जनवरी 2026 से निष्क्रिय पैन कार्ड मान्य नहीं रहेंगे। बैंक खाते और अन्य वित्तीय लेनदेन रुक सकते हैं। लोगों को समय रहते अपना पैन और आधार लिंक करना चाहिए। यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से की जा सकती है।
बैंक लॉकर के नए नियम
बैंक लॉकर और सुरक्षित जमा के नियमों में बदलाव किया गया है। अब ग्राहक चार नामांकित व्यक्ति रख सकते हैं। पहले यह सीमा केवल दो थी। नामांकित व्यक्तियों में हिस्सेदारी का प्रतिशत भी तय कर सकते हैं।
इससे विवादों की संभावना कम होगी। बैंकिंग सुविधाएं अधिक सुरक्षित हो जाएंगी। ग्राहकों को अपने वित्तीय हितों की बेहतर सुरक्षा मिलेगी। यह बदलाव सभी बैंकों पर लागू होगा।
म्यूचुअल फंड और क्रेडिट कार्ड नियम
सेबी ने म्यूचुअल फंड निवेश के नियमों में सुधार किया है। केवाईसी और फोलियो खोलने की प्रक्रिया व्यवस्थित की गई है। इससे बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी। निवेशकों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
एसबीआई क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं के लिए नए नियम लागू होंगे। अनसिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड पर 3.75 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगेगा। तीसरे पक्ष के ऐप से फीस भरने पर 1 प्रतिशत चार्ज देना होगा। सीधे बैंक की वेबसाइट से भुगतान करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा।
डिजिटल भुगतान पर नए प्रावधान
क्रेडिट कार्ड से स्कूल और कॉलेज की फीस भरने के नियम बदले हैं। तीसरे पक्ष के ऐप जैसे क्रेड और मोबिक्विक से भुगतान पर अतिरिक्त शुल्क लगेगा। संस्थानों की आधिकारिक वेबसाइट से भुगतान करने पर कोई चार्ज नहीं लगेगा।
पीओएस मशीन से भुगतान भी शुल्क मुक्त रहेगा। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे सीधे बैंकिंग चैनलों का उपयोग करें। इससे अतिरिक्त शुल्क से बचा जा सकता है। डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा भी बढ़ेगी।
