Karnataka News: कर्नाटक के धर्मस्थला में धर्मस्थल दफन मामला ने सनसनी मचा दी है। एक पूर्व सफाई कर्मचारी ने दावा किया कि उसने 1995 से 2014 तक कई शवों को दफनाया। विशेष जांच दल (SIT) ने 28 जुलाई को इन स्थलों का निरीक्षण किया। वकील एन मंजुनाथ ने पंचायत उपाध्यक्ष श्रीनिवास राव की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। राव ने दावा किया था कि सभी दफन कार्य आधिकारिक थे।
जांच में नए खुलासे
धर्मस्थल दफन मामला में SIT ने 13 संदिग्ध स्थलों की पहचान की। इनमें से 12 जंगल क्षेत्रों में हैं। वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि बिना अनुमति के जंगल में दफन संभव नहीं है। हालांकि, तीर्थस्थल होने के कारण निगरानी कम हो सकती है। शवों में महिलाओं और बच्चों के शामिल होने का दावा है। कुछ शवों पर यौन उत्पीड़न के निशान थे। जांच में राजस्व और वन विभाग के अधिकारी शामिल थे।
पंचायत उपाध्यक्ष पर सवाल
वकील एन मंजुनाथ ने कहा कि धर्मस्थल दफन मामला में श्रीनिवास राव ने जनता को गुमराह किया। राव का दावा था कि दफन कार्य दस्तावेजों के साथ हुए। लेकिन, खतरनाक और दुर्गम स्थलों की पहचान ने उनके दावों को खारिज किया। मंजुनाथ ने मांग की कि शव मिलने पर राव की गिरफ्तारी हो। उनकी पूछताछ से अपराधियों और पंचायत के बीच संबंधों का खुलासा हो सकता है।
SIT की कार्रवाई
धर्मस्थल दफन मामला में SIT ने जांच तेज कर दी है। पूर्व सफाई कर्मचारी ने दावा किया कि उसने अपने वरिष्ठों के आदेश पर शव दफनाए। ये स्थान नदी के किनारे और जंगल में हैं। वन विभाग ने कहा कि नियमों के तहत केवल आदिवासियों को विशेष क्षेत्रों में दफन की अनुमति है। जांच में पारदर्शिता के लिए सभी प्रक्रियाओं का वीडियो रिकॉर्डिंग किया जा रहा है। SIT जल्द ही शवों की खुदाई शुरू कर सकती है।
परिवार की मांग
अनन्या भट की मां सजुता भट के वकील मंजुनाथ ने कहा कि धर्मस्थल दफन मामला में सच्चाई सामने आनी चाहिए। अनन्या 2003 में धर्मस्थला से लापता हुई थी। मंजुनाथ ने आरोप लगाया कि राव ने जांच को बाधित करने की कोशिश की। उन्होंने सरकार से सभी जिम्मेदार अधिकारियों की जांच की मांग की। SIT की कार्रवाई से इस मामले में नए तथ्य सामने आने की उम्मीद है।
