Dharamshala News: हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में दिसंबर में होने वाले भारत-दक्षिण अफ्रीका टी-20 मैच की तैयारियां तेज हो गई हैं। स्टेडियम की आउटफील्ड में नई राई घास लगाने का कार्य शुरू हो चुका है। एचपीसीए महासचिव अवनीश परमार ने बताया कि पुरानी मिक्स घास को हटाकर नया बीजारोपण किया जा रहा है। यह मैच नई घास पर खेला जाएगा।
स्टेडियम में काम कर रहे विशेषज्ञों ने मैदान के चारों कोनों से बीज बोना शुरू किया है। महाराष्ट्र और असम से आए विशेषज्ञ इस कार्य में लगे हैं। राई घास सर्दियों के मौसम के लिए उपयुक्त मानी जाती है। यह घास जल्दी उग आती है और खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित होती है। पूरे मैदान में बीज बोने का कार्य जारी है।
मैदान की तैयारी की विस्तृत प्रक्रिया
मैदान की तैयारी के लिए सबसे पहले पुरानी घास को पूरी तरह से हटाया गया। इसके बाद मैदान में दो बार धुली हुई बारीक रेत बिछाई जा रही है। विशेष मशीनों की मदद से रेत को समतल किया जा रहा है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य मैदान से कंकड़ और पत्थरों को पूरी तरह से हटाना है। यह खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
तीन साल पहले स्टेडियम में उन्नत सब-एयर सिस्टम लगाया गया था। उस समय भी राई घास लगाई गई थी। बाद में बरमूडा घास का बीज भी डाला गया था। लेकिन मिक्स घास में खराब घास उगने लगी थी। इसलिए एचपीसीए ने नई घास लगाने का निर्णय लिया। नई घास मैच की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगी।
मैच की तैयारियों का महत्व
दिसंबर में होने वाला यह मैच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का महत्वपूर्ण आयोजन है। स्टेडियम प्रबंधन मैच की तैयारियों को गंभीरता से ले रहा है। घास की गुणवत्ता मैच के दौरान खिलाड़ियों के प्रदर्शन को प्रभावित करती है। अच्छी घास से फील्डिंग में मदद मिलती है और चोटों का खतरा कम होता है।
धर्मशाला स्टेडियम अपनी खूबसूरत पहाड़ी पृष्ठभूमि के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहां पहले भी कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मैच हो चुके हैं। स्टेडियम प्रबंधन हमेशा से मैदान की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रयासरत रहता है। नई घास लगाने का कार्य समय से पूरा कर लिया जाएगा। इससे मैच से पहले घास को परिपक्व होने का पर्याप्त समय मिल जाएगा।
