Dharmpur News: हिमाचल प्रदेश के धर्मपुर में सोन खड्ड में आए भीषण सैलाब ने व्यापक तबाही मचाई है। सोमवार रात आई इस प्राकृतिक आपदा में बस स्टैंड और वाहनों के अलावा स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र शीतला माता का चबूतरा भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। राजस्थान से लाई गई माता की मूर्ति पानी में डूब गई।
स्थानीय निवासियों के अनुसार चौदह जून को माता ने अपने गूर के माध्यम से आपदा की चेतावनी दी थी। उन्होंने बताया था कि इस बार प्राकृतिक आपदा का खतरा बड़ा है और मंदिर भी सुरक्षित नहीं रहेगा। लेकिन किसी ने इस चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया।
धर्मपुर बस स्टैंड के भीतर बना शीतला माता का चबूतरा यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए श्रद्धा का केंद्र था। बस में सफर करने से पहले लोग यहां माथा टेकते थे। सैलाब ने इस पूरे क्षेत्र को बहा दिया और चबूतरा पूरी तरह से नष्ट हो गया।
स्थानीय लोगों में गहरा दुख
मंगलवार सुबह जब लोग घटनास्थल पर पहुंचे तो उनकी आंखों में आंसू थे। एक महिला ने बताया कि माता ने पहले ही चेतावनी दे दी थी लेकिन हमने इसे गंभीरता से नहीं लिया। कई लोग चबूतरे के अवशेषों के पास खड़े होकर मौन प्रार्थना कर रहे थे।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह चबूतरा सिर्फ पत्थरों का ढांचा नहीं था बल्कि उनकी आस्था का प्रतीक था। एचआरटीसी प्रबंधन ने इसका निर्माण करवाया था। लोग अब मानने लगे हैं कि धार्मिक और स्थानीय चेतावनियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
प्रशासन ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य जारी है। चबूतरे के पुनर्निर्माण पर विचार किया जाएगा। सैलाब से हुई क्षति का आकलन किया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से जल्द से जल्द मंदिर का पुनर्निर्माण शुरू करने की मांग की है।
