Mandi News: मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने आपदा प्रभावितों की मदद के लिए अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। निहरी की पंचायत हाडा बोई में भूस्खलन की सूचना मिलते ही वह तुरंत मौके पर पहुंचे। रास्ते में कीचड़ और पत्थरों पर उनकी चप्पलें फंस गईं तो उन्होंने नंगे पांव ही आगे का सफर जारी रखा।
यह घटना मंगलवार को घटित हुई जब उपायुक्त शिमला से वापस लौट रहे थे। बोई पंचायत में भूस्खलन में एक घर मलबे में दब गया था। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। सड़क मार्ग बाधित होने के कारण उन्हें अपनी टीम के साथ पैदल ही आगे बढ़ना पड़ा।
कीचड़ में फंसी चप्पलें
लगभग दो किलोमीटर चलने के बाद उनकी चप्पलें कीचड़ में पूरी तरह धंस गईं। चप्पलों को निकालना संभव नहीं था इसलिए उन्होंने दूसरी चप्पल भी वहीं उतार दी। कुछ दूर नंगे पांव चलने के बाद ही उन्हें नई चप्पलें उपलब्ध करवाई जा सकीं। उन्होंने कुल तीन से चार किलोमीटर की पैदल यात्रा की।
इससे पहले जंगमबाग में आपदा के दौरान भी उपायुक्त पूरी रात मौके पर मौजूद रहे थे। उनकी इस समर्पित कार्यशैली की पूरे जिले में सराहना हो रही है। वह हर आपदा में स्वयं मौके पर पहुंचकर राहत कार्यों का निरीक्षण करते हैं।
सराज में बचाव अभियान
इससे पूर्व सराज क्षेत्र में आपदा आने पर उपायुक्त हेलीकॉप्टर द्वारा जंजैहली पहुंचे थे। वहां एसपी मंडी के साथ तीन किलोमीटर पैदल चलकर उन्होंने अधिकारियों से बैठक की। उन्होंने मार्ग खुलवाया और फंसे हुए गुजरात के पैंतीस पर्यटकों को सुरक्षित निकाला।
सराज में मार्गों के बहाल होने के बाद उपायुक्त ने हर क्षेत्र का स्वयं निरीक्षण किया। हाल ही में बालीचौकी उपमंडल में हुए भारी नुकसान का जायजा लेने वह गाडागुशैणी गए। वहां भी उन्होंने दस किलोमीटर पैदल चलकर स्थिति का अवलोकन किया।
उपायुक्त का यह समर्पण जिले के नागरिकों के लिए प्रेरणादायक बन गया है। उनकी इस कार्यशैली ने प्रशासनिक अधिकारियों के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ाया है। आपदा प्रबंधन में उनका व्यक्तिगत योगदान उल्लेखनीय है।
