UK News: ब्रिटेन ने अपनी “अभी निर्वासित, बाद में अपील” नीति का विस्तार किया है। इसमें भारत सहित 23 देश शामिल हैं। इस नीति के तहत विदेशी अपराधियों को सजा के तुरंत बाद निर्वासित किया जाएगा। अपील विदेश से वीडियो के जरिए हो सकेगी। गंभीर अपराधियों को पूरी सजा काटनी होगी।
नीति का उद्देश्य
ब्रिटेन सरकार का कहना है कि यह नीति विदेशी अपराधियों को लंबी अपील प्रक्रिया के दुरुपयोग से रोकेगी। पहले अपराधी अपील के दौरान ब्रिटेन में रहते थे। इससे जेलों और करदाताओं पर बोझ पड़ता था। एक कैदी की सालाना लागत 54,000 पाउंड है। नीति का लक्ष्य जेलों की भीड़ कम करना और सुरक्षा बढ़ाना है।
कौन से देश शामिल हैं
यह योजना पहले आठ देशों तक सीमित थी। अब भारत, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, केन्या, बुल्गारिया, इंडोनेशिया, मलेशिया और अन्य सहित 23 देश इसमें हैं। विदेशी अपराधी सजा के बाद तुरंत अपने देश भेजे जाएंगे। अपील के लिए उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का उपयोग करना होगा। सरकार अन्य देशों से भी इस पर बात कर रही है।
नई सजा नियम
सितंबर 2025 से विदेशी कैदियों को उनकी सजा का 30% पूरा करने के बाद निर्वासित किया जा सकता है। पहले यह सीमा 50% थी। हालांकि, आतंकवादी और हत्यारे जैसे गंभीर अपराधियों को पूरी सजा काटनी होगी। यह नियम इंग्लैंड और वेल्स में लागू है। सरकार ने 80 जेलों में विशेष स्टाफ तैनात किए हैं।
मानवाधिकार और अपील प्रक्रिया
निर्वासन से पहले मानवाधिकार उल्लंघन की जांच होगी। यूरोपीय मानवाधिकार संधि के तहत गंभीर नुकसान की आशंका होने पर निर्वासन नहीं होगा। अपील विदेश से वीडियो के जरिए होगी। अगर अपील सफल होती है, तो व्यक्ति ब्रिटेन वापस आ सकता है। असफल होने पर निर्वासन स्थायी रहेगा।
लागत और जेलों पर प्रभाव
ब्रिटेन की जेलों में 12% कैदी विदेशी हैं। एक कैदी की सालाना लागत 54,000 पाउंड है। इस नीति से जेलों की भीड़ और खर्च कम होंगे। जुलाई 2024 से 5,200 विदेशी अपराधियों को निर्वासित किया गया, जो पिछले साल से 14% अधिक है। सरकार ने प्रक्रिया तेज करने के लिए 5 मिलियन पाउंड का निवेश किया है।
कानूनी और राजनयिक पहलू
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह नीति न्याय को कमजोर कर सकती है। अगर भारत में सजा लागू नहीं होती, तो अपराधी मुक्त हो सकते हैं। भारत और ब्रिटेन के बीच सजा लागू करने का समझौता हो सकता है। भारत के विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों के लिए उचित कानूनी प्रक्रिया की मांग की है।
भारतीय नागरिकों पर प्रभाव
भारतीय नागरिकों को सजा के बाद जल्दी निर्वासित किया जा सकता है। अपील भारत से करनी होगी। परिवारों को अलगाव का सामना करना पड़ सकता है। वकीलों को अपील के लिए कम समय मिलेगा। भारतीय प्रवासियों को ब्रिटेन में कानूनी जागरूकता बढ़ाने की सलाह दी जा रही है। नीति भारत-ब्रिटेन संबंधों पर असर डाल सकती है।
