Health News: दांत और मसूड़ों की समस्याएं आजकल आम हो गई हैं। कैविटी और मसूड़ों की सूजन से कई लोग परेशान रहते हैं। ये समस्याएं मुख्य रूप से अनुचित देखभाल और खानपान की गलत आदतों से होती हैं। दंत विशेषज्ञों के अनुसार कुछ सरल घरेलू उपाय इन समस्याओं में राहत दे सकते हैं। ये उपाय दांतों के हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करने और मसूड़ों को मजबूत बनाने में सहायक हैं।
अमरूद के पत्तों से बनाएं प्राकृतिक माउथवॉश
अमरूद केपत्ते दंत स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। इनमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण संक्रमण को रोकते हैं। कुछ पत्तों को पानी में उबालकर इसका काढ़ा बना लें। इस काढ़े को ठंडा करके दिन में दो बार गरारे करें। यह माउथवॉश मुंह के बैक्टीरिया को कम करता है। इससे मसूड़ों की सूजन और दर्द में भी आराम मिलता है।
रेशेदार फल और सब्जियों का सेवन है फायदेमंद
सेब,गाजर और खीरा जैसी कुरकुरी सब्जियां दांतों के लिए प्राकृतिक स्क्रब का काम करती हैं। इन्हें चबाने से दांतों की सतह साफ होती है। यह प्रक्रिया प्लाक जमाव को हटाने में मदद करती है। साथ ही यह मसूड़ों की मालिश करके उन्हें स्वस्थ रखती है। इन खाद्य पदार्थों से लार का बहाव भी बढ़ता है जो बैक्टीरिया को धो देता है।
लौंग के तेल से मिलती है तत्काल राहत
लौंग कातेल दांत दर्द में राहत के लिए पारंपरिक उपाय है। इसमें यूजेनॉल नामक सक्रिय यौगिक पाया जाता है। यह तत्व प्राकृतिक रूप से दर्द निवारक और जीवाणुरोधी है। प्रभावित दांत पर रुई से लौंग का तेल लगाएं। इससे दर्द कम होता है और संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया नष्ट होते हैं। यह उपाय अस्थायी राहत प्रदान करता है।
नियमित दंत स्वच्छता आदतों का महत्व
रोजानादो बार ब्रश करना और फ्लॉसिंग करना आवश्यक है। नरम ब्रिसल वाले टूथब्रश का ही उपयोग करें। ब्रशिंग के बाद जीभ भी साफ करें क्योंकि यह बैक्टीरिया का अड्डा हो सकती है। फ्लॉसिंग से दांतों के बीच फंसे भोजन के कण निकल जाते हैं। ये कण बैक्टीरिया पैदा करते हैं जो कैविटी और मसूड़ों की बीमारी का कारण बनते हैं।
आहार में शामिल करें कैल्शियम और विटामिन सी
दांतोंकी मजबूती के लिए कैल्शियम युक्त आहार जरूरी है। दूध, दही और पनीर जैसे खाद्य पदार्थ इसके अच्छे स्रोत हैं। विटामिन सी मसूड़ों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। यह संयोजी ऊतकों को मजबूत बनाता है और सूजन कम करता है। संतरा, आंवला और ब्रोकली विटामिन सी से भरपूर होते हैं। संतुलित आहार दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखने का आधार है।
पानी का पर्याप्त सेवन भी है जरूरी
पर्याप्त मात्रामें पानी पीना मुंह के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। पानी मुंह में बचे खाद्य कणों को धो देता है। यह लार के उत्पादन को भी बढ़ावा देता है। लार प्राकृतिक रूप से बैक्टीरिया को नियंत्रित करती है। भोजन के बाद कुल्ला करने की आदत भी फायदेमंद होती है। यह साधारण आदत दांतों की समस्याओं को दूर रख सकती है।
तिल के तेल से करें ऑयल पुलिंग
तिल यानारियल के तेल से ऑयल पुलिंग एक प्राचीन अभ्यास है। सुबह खाली पेट एक चम्मच तेल को मुंह में घुमाएं। इसे पंद्रह से बीस मिनट तक मुंह में रखें फिर थूक दें। इस प्रक्रिया से मुंह के हानिकारक बैक्टीरिया कम होते हैं। यह मसूड़ों को स्वस्थ रखने और सांसों की दुर्गंध दूर करने में सहायक है। कई अध्ययन इसकी प्रभावशीलता को दर्शाते हैं।
नमक के पानी से करें गरारे
गर्म पानीमें नमक मिलाकर गरारे करना एक सरल उपाय है। नमक एक प्राकृतिक कीटाणुनाशक है। यह मसूड़ों की सूजन कम करने और छोटे घाव भरने में मदद करता है। यह उपाय मुंह के पीएच स्तर को संतुलित रखता है। दिन में एक या दो बार नमक के पानी से गरारे करना फायदेमंद हो सकता है। यह मुंह की सफाई का एक किफायती तरीका है।
पेशेवर दंत सलाह का महत्व
येसभी घरेलू उपाय सामान्य देखभाल और रोकथाम में सहायक हैं। लेकिन गंभीर दर्द या संक्रमण होने पर डॉक्टर से सलाह जरूरी है। नियमित रूप से दंत चिकित्सक से जांच करवानी चाहिए। कई बार समस्या दांतों की सतह से आगे बढ़ चुकी होती है। ऐसे में पेशेवर इलाज ही एकमात्र विकल्प बचता है। स्वस्थ दांत समग्र स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
