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Monday, March 27, 2023

दिल्ली 26 झीलों और 380 वाटरबॉडी से बनेगी लेक सिटी, द्वारका में बन कर तैयारी हुई नई झील

Lake City Delhi: देश की राजधानी के लोगों को पेयजल संकट से निजात दिलाने के लिए केजरीवाल सरकार वारफुट पर काम जारी है. इस योजना के तहत न केवल पानी की आपूर्ति क्षमता बढ़ाने के लिए अलग-अलग योजनाओं पर काम जारी है, बल्कि दिल्ली में भूजल स्तर को बढ़ावा देने के लिए द्वारका में दिल्ली जल बोर्ड ने एक नई झील को तैयार किया है.

साथ ही दिल्ली को लेक सिटी में तब्दील करने की सरकार की योजना भी है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में ऐसे 26 लेक और 380 वॉटरबॉडी बनाने की योजना पर काम जारी है. इतना ही नहीं, दिल्ली सरकार की योजना राजस्थान के उदयपुर की तर्ज पर दिल्ली को ‘झीलों का शहर’ बनाने के प्रोजेक्ट पर दिल्ली सरकार तेजी से काम कर रही है.

दिल्ली जल बोर्ड द्वारा द्वारका में तैयार नई झील सात एकड़ एरिया में फैली हुई है. यह झीलन सेक्टर-16 में है. द्वारका में तैयार झील में अभी पानी से पूरी तरह भरी नहीं है. सेक्टर-16 में बनी यह झील सात एकड़ एरिया में फैली हुई है. डीजेबी के अनुसार पप्पन कलां सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से ट्रीट हो रहे पानी से इस झील को भरा जा रहा है. अब रोज 5 मिलियन ट्रीटेट पानी से बढ़ाकर इसकी मात्रा 10 मिलियन ट्रीटेड पानी कर दी गई है. 28000 स्क्वायर मीटर में फैली यह नई झील करीब 2.5 करोड़ के बजट से तैयार की गई है. महज सात महीने में यह झील तैयार हो गई. डीजेबी के मुताबिक ट्रीटेट पानी को इस झील में डालने से पहले उसे दो प्राकृतिक तरीकों से फिल्टर किया जाता है. इस प्रोजेक्ट के तहत रोहिणी, तिमारपुर आदि की झीलें भी जल्द तैयार हो जाएंगी.

दिल्ली में बनेंगे 26 लेक, 380 वॉटरबॉडी

वहीं दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवल ने भी शनिवार को पप्पनकला लेक का दौरा किया. उन्होंने कहा कि यह एक बेहद शानदार प्रयोग है. इसमें एक साल से पानी डाला जा रहा है, जिससे इस इलाके में भूजल का स्तर सवा 6 मीटर बढ़ गया है. पप्पनकला लेक का मुआयना करते हुए दिल्ली के सीएम ने कहा कि हम कुल 26 लेक और 380 वॉटरबॉडी बना रहे हैं. उम्मीद है कि इससे पानी की समस्या के समाधान में मदद मिलेगी. बता दें कि दिल्ली को झीलों का शहर बनाने के पहले चरण में दिल्ली सरकार की ओर से 250 जलाशयों और 23 झीलों को पुनर्जिवित करेगी. झीलों के आसपास पर्यावरण तंत्र को बेहतर बनाने के लिए देसी पौधे लगाए जा रहे हैं. साथ ही सभी जल निकायों को सुंदर रूप देने की दिशा तेजी से काम हो रहा है.

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