Delhi News: दिल्ली विश्वविद्यालय के अंबेडकर कॉलेज में एक बड़ी घटना सामने आई है। डूसू की जॉइंट सेक्रेटरी दीपिका झा ने प्रोफेसर सुजीत सिंह को थप्पड़ मारा है। इस पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि दीपिका प्रोफेसर के सामने खड़ी हैं और थप्पड़ मार रही हैं। प्रोफेसर ने इस मामले की पुलिस शिकायत दर्ज कराई है।
प्रोफेसर सुजीत सिंह कॉलेज की अनुशासन समिति के संयोजक हैं। वह छात्रों के बीच हुई हिंसा की जांच कर रहे थे। इसी जांच से नाराज होकर छात्र नेताओं ने यह हमला किया। घटना के बाद अनुशासन समिति के सभी सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा सुनिश्चित न होने पर वे कर्तव्य नहीं निभा सकते।
घटना का विस्तार
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। संगठन ने बताया कि डूसू अध्यक्ष और संयुक्त सचिव लगभग 50 छात्रों के साथ कॉलेज में जबरन घुसे। उन्होंने शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार किया। प्राचार्य के कार्यालय में ही दीपिका झा ने प्रोफेसर सुजीत कुमार को थप्पड़ मारा। इस दौरान कई अन्य शिक्षकों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई।
पीड़ित प्रोफेसर ने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में डूसू की संयुक्त सचिव दीपिका झा और एबीवीपी के सदस्यों पर मारपीट का आरोप लगाया गया है। प्रोफेसर ने कहा कि पुलिस की मौजूदगी में भी छात्रों के समूह ने हमला किया। दिल्ली विश्वविद्यालय के कई शिक्षकों ने इस घटना को शिक्षकों की गरिमा पर हमला बताया है।
एबीवीपी का बयान
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस घटना पर अपना पक्ष रखा है। संगठन ने कहा कि दीपिका झा शिक्षकों के सम्मान के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने दावा किया कि यह घटना शिक्षक समुदाय का अपमान करने के उद्देश्य से नहीं हुई। एबीवीपी ने इसे राजनैतिक द्वेष और अनुशासनहीनता के विरोध की क्षणिक प्रतिक्रिया बताया।
एबीवीपी ने कॉलेज प्रशासन से मांग की है कि प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रोफेसर ने विद्यार्थियों के प्रति दुराचरण किया है। संगठन ने परिसर में मद्यपान और धूम्रपान की घटनाओं पर नियंत्रण की मांग की। साथ ही राजनैतिक द्वेष के मामलों में कठोर कार्रवाई की अपील की।
शिक्षक संगठनों की प्रतिक्रिया
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने विश्वविद्यालय स्तर पर तत्काल जांच की मांग की है। उन्होंने दोषी छात्रों पर कठोर कार्रवाई की अपील की है। संगठन ने चेतावनी दी कि यह भीड़तंत्र और गुंडागर्दी की मानसिकता पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए। अन्यथा दिल्ली विश्वविद्यालय हिंसा के हवाले हो जाएगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने भी इस घटना पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि शैक्षिक परिसर में इस तरह की घटनाएं चिंताजनक हैं। शिक्षकों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित किया जाना चाहिए। विश्वविद्यालय प्रशासन को तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। छात्र और शिक्षक संबंधों को बनाए रखना जरूरी है।
पुलिस की कार्रवाई
उत्तरी दिल्ली जिले की पुलिस ने इस मामले में संज्ञान लिया है। प्रोफेसर सुजीत सिंह की शिकायत पर कार्रवाई की जा रही है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है। घटना में शामिल सभी लोगों की पहचान की जा रही है। आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी है।
पुलिस ने बताया कि मामला गंभीर है और इसे हल्के में नहीं लिया जाएगा। शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। कॉलेज प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर कार्रवाई की जा रही है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाएगी।
