Delhi News: राजधानी में Delhi Pollution के खतरनाक स्तर को देखते हुए प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है। ‘पीयूसी नहीं तो तेल नहीं’ अभियान का असर अब जमीनी स्तर पर दिखने लगा है। कार्रवाई के डर से वाहन मालिकों ने प्रदूषण जांच केंद्रों (PUC Center) का रुख करना शुरू कर दिया है। बुधवार को दिल्ली में रिकॉर्ड 31,197 वाहनों के पीयूसी सर्टिफिकेट जारी किए गए। एक दिन पहले यह आंकड़ा महज 17,732 था। सरकार का लक्ष्य सड़कों पर केवल कम प्रदूषण वाले वाहनों को चलने देना है।
रिकॉर्ड तोड़ जांच और सर्वर पर दबाव
जानकारों के मुताबिक, एक दिन में 30 हजार से ज्यादा पीयूसी बनने का मामला दुर्लभ है। ऐसा तभी होता है जब प्रदूषण को लेकर बड़े अभियान चलते हैं। पेट्रोल पंप संचालकों का कहना है कि यह एक नया रिकॉर्ड बन सकता है। Delhi Pollution कम करने की इस मुहिम में लोगों की भीड़ इतनी बढ़ी कि कई जगहों पर सर्वर धीमा पड़ गया। इस वजह से वाहन चालकों को सर्टिफिकेट बनवाने के लिए तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा।
कैमरों से हो रही है निगरानी
परिवहन विभाग ने नियमों के पालन के लिए तकनीक का सहारा लिया है। पेट्रोल पंपों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे गाड़ी का नंबर स्कैन करके तुरंत डाटाबेस से मिलान करते हैं। अगर वाहन का पीयूसी वैध नहीं होता, तो पंप पर लगे स्पीकर से घोषणा हो जाती है। इससे पंप कर्मी सतर्क हो जाते हैं और बिना पीयूसी दिखाए तेल नहीं भरते। हालांकि, कुछ जगहों पर तकनीकी खामी के कारण मैनुअल जांच भी की जा रही है।
सीमावर्ती पंपों पर बिक्री घटी
इस सख्ती का सीधा असर पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर पड़ा है। दिल्ली के बॉर्डर इलाकों में स्थित करीब 120 पेट्रोल पंपों पर बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है। आम दिनों के मुकाबले यहां आने वाले वाहनों की संख्या 25 प्रतिशत तक कम हो गई है। कुछ स्थानों पर बिना पीयूसी तेल न देने पर विवाद की खबरें भी आईं। दिल्ली गेट और अरुणा आसफ अली रोड पर दबाव के चलते कर्मियों को तेल देना पड़ा।
बॉर्डर पर पुलिस की सख्ती
Delhi Pollution को नियंत्रित करने के लिए दूसरे राज्यों की गाड़ियों पर भी नजर रखी जा रही है। आनंद विहार, गाजीपुर और चिल्ला बॉर्डर पर पुलिस और परिवहन विभाग की टीमें तैनात हैं। वे बीएस-4 (BS-IV) मानक से नीचे के निजी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोक रहे हैं। हालांकि, दिल्ली के सभी 156 प्रवेश मार्गों पर अभी पूर्ण सख्ती नहीं दिख रही है। दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने इस नियम को पूरे एनसीआर (NCR) में लागू करने की मांग की है।