Delhi News: दिवाली पर जमकर आतिशबाजी के बाद दिल्ली की हवा जहरीली हो गई है। राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार शहर के 34 में से 38 निगरानी स्टेशनों ने प्रदूषण स्तर लाल जोन में दर्ज किया। आनंद विहार और वजीरपुर जैसे इलाकों में तो स्थिति और भी भयावह रही।
कल दिवाली के त्योहार पर पटाखों के धुएं ने हवा को विषैला बना दिया। सोमवार सुबह आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक 414 तक पहुंच गया। वजीरपुर में तो स्थिति और भी खराब रही जहां AQI 419 दर्ज किया गया। हालांकि श्री अरबिंदो मार्ग पर सबसे बेहतर स्थिति देखी गई जहां AQI 158 रहा। यह आंकड़े प्रदूषण की गंभीरता को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं।
GRAP के दूसरे चरण के उपाय लागू
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए GRAP के दूसरे चरण के उपाय लागू कर दिए हैं। इन उपायों में डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर रोक शामिल है। दिल्ली आने वाली नियमों का पालन न करने वाली अंतरराज्यीय बसों की संख्या सीमित कर दी गई है। निजी वाहनों के इस्तेमाल को कम करने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के दौरान दिल्ली-एनसीआर में हरित पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल की अनुमति दी थी। इसके बावजूद प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा तक पहुंच गया। विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम की स्थिति और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं ने भी प्रदूषण बढ़ाने में भूमिका निभाई है।
स्वास्थ्य पर पड़ रहा है बुरा असर
डॉक्टरों का कहना है कि इस स्तर का प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है। खासतौर पर सांस और दिल के मरीजों के लिए यह स्थिति चिंताजनक है। बुजुर्गों और बच्चों को घर के अंदर रहने की सलाह दी जा रही है। स्कूलों में भी बाहरी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है ताकि छात्रों के स्वास्थ्य को नुकसान न पहुंचे।
प्रदूषण नियंत्रण समिति लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। अगले कुछ दिनों में हवा की गति बढ़ने की संभावना है जिससे प्रदूषण के स्तर में कुछ सुधार हो सकता है। हालांकि तत्काल राहत की उम्मीद कम ही है। विशेषज्ञ नागरिकों से सार्वजनिक परिवहन का उपयोग बढ़ाने की अपील कर रहे हैं।
