Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार सुबह वायु गुणवत्ता एक बार फिर गंभीर श्रेणी में पहुंच गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार शहर का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स चार सौ नब्बे के करीब दर्ज किया गया। अलीपुर और वजीरपुर जैसे इलाकों में स्थिति और भी भयावह रही।
इन क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इंडेक्स पांच सौ छप्पन तक पहुंच गया। ठंडी हवाओं और कोहरे ने प्रदूषण के कणों को जमीन के पास फंसा दिया। इससे जहरीली हवा का स्तर और बढ़ गया। पीएम दो दशमलव पांच और पीएम दस का स्तर खतरनाक बना हुआ है।
विभिन्न क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर
दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता ने खतरनाक स्तर को पार कर लिया। वजीरपुर शहर का सबसे प्रदूषित क्षेत्र रहा। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स पांच सौ छप्पन दर्ज किया गया। अलीपुर में भी स्थिति समान रही। सोनिया विहार में यह स्तर पांच सौ रहा।
लोनी में पांच सौ चालीस और संजय नगर गाजियाबाद में पांच सौ आठ एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज किया गया। चांदनी चौक में पांच सौ और रोहिणी में चार सौ नब्बे का स्तर मापा गया। नरेला और बवाना में चार सौ अठासी एयर क्वालिटी इंडेक्स रहा।
मौसम की स्थितियों ने बढ़ाई मुश्किल
प्रदूषण के गंभीर स्तर पर पहुंचने का प्रमुख कारण मौसम की वर्तमान परिस्थितियां हैं। तापमान में गिरावट के साथ ठंडी हवाएं चल रही हैं। सुबह के समय घना कोहरा छाया रहता है। ये मौसमी कारक प्रदूषक कणों को जमीन के पास फंसा देते हैं।
पीएम दो दशमलव पांच और पीएम दस के कण वायुमंडल में ऊपर नहीं उठ पाते। इससे हवा की गुणवत्ता लगातार खराब बनी रहती है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी इस स्थिति के जारी रहने का अनुमान जताया है। राहत मिलने की उम्मीद कम दिख रही है।
स्वास्थ्य पर पड़ रहा बुरा असर
लगातार गंभीर स्तर पर बनी जहरीली हवा दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रही है। उच्च पीएम दो दशमलव पांच सांद्रता सांस की बीमारियों को बढ़ा सकती है। अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों की तकलीफ बढ़ रही है। लंबे समय तक संपर्क में रहने से फेफड़ों को नुकसान हो सकता है।
डॉक्टरों ने बुजुर्गों और बच्चों को घर के अंदर रहने की सलाह दी है। पहले से बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। मास्क का उपयोग करना जरूरी बताया गया है। बिगड़ती वायु गुणवत्ता ने सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति पैदा कर दी है।
