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दिल्ली न्यूज: 1400 साल पुराने मंदिर पर चला बुलडोजर, कांग्रेस सांसद अजय माखन ने संसद में उठाया मुद्दा; जानें पूरा मामला

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Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली के झंडेवालान इलाके में एक ऐतिहासिक मंदिर को लेकर विवाद गहरा गया है। यहां 29 नवंबर को DDA और MCD ने एक संयुक्त कार्रवाई की। इस दौरान 1400 साल पुराने बाबा पीर रतननाथ मंदिर परिसर में तोड़फोड़ की गई। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने बिना किसी नोटिस के यह कार्रवाई की। इस घटना से लोगों में भारी गुस्सा है। अब कांग्रेस ने इस मुद्दे को संसद में जोर-शोर से उठाया है। यह मामला अब एक बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है।

राज्यसभा में अजय माकन ने दागे सवाल

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद अजय माकन ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है। उन्होंने संसद में कहा कि प्रशासन ने नाथ संप्रदाय की पवित्र परंपरा को कुचल दिया है। माकन ने सवाल उठाया कि क्या किसी संगठन के कार्यालय के लिए रास्ता बनाने हेतु आस्था को मिटाया जाएगा? उन्होंने जोर देकर कहा कि यह मंदिर सिर्फ एक ढांचा नहीं है। यह 1400 साल पुरानी विरासत का प्रतीक है। माकन ने कहा कि यह कार्रवाई काबुल और पेशावर में बैठे हिंदू समुदाय की भावनाओं पर भी चोट है।

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RSS मुख्यालय ‘केशव कुंज’ से जुड़ा नाम

इस तोड़फोड़ के पीछे एक बड़ा राजनीतिक कारण बताया जा रहा है। स्थानीय निवासियों का दावा है कि यह कार्रवाई पास में स्थित RSS मुख्यालय ‘केशव कुंज’ के विस्तार के लिए हुई है। आरोप है कि मुख्यालय के लिए पार्किंग और रास्ता बनाने के लिए मंदिर की जमीन ली जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स में भी ऐसे ही दावे किए गए हैं। हालांकि, दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। प्रशासन की चुप्पी ने लोगों के शक को और बढ़ा दिया है।

प्रदूषण नियमों (GRAP) की खुली अनदेखी

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण GRAP के सख्त नियम लागू हैं। इन नियमों के तहत शहर में निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर पूरी तरह रोक है। इसके बावजूद, भारी पुलिस बल की मौजूदगी में बुलडोजर चलाया गया। स्थानीय लोगों के अनुसार, प्रशासन ने नियमों को ताक पर रखकर कार्रवाई की। मंदिर का हिस्सा गिराने के बाद वहां स्टील की शटरिंग लगा दी गई है। पूरे इलाके में नाकेबंदी कर दी गई है।

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पाकिस्तान और अफगानिस्तान से जुड़ी जड़ें

बाबा पीर रतननाथ मंदिर का इतिहास काफी पुराना और गहरा है। यह मंदिर श्री नाथ परंपरा और पीर रतननाथ जी की गद्दी से जुड़ा है। इनका मुख्य केंद्र कभी पेशावर (अब पाकिस्तान) और अफगानिस्तान हुआ करता था। विभाजन के बाद बाबा मनमोहन दास इस संप्रदाय की जोत लेकर भारत आए थे। उन्होंने ही झंडेवालान में इस मंदिर की नींव रखी थी। पाकिस्तान से आए हजारों शरणार्थियों के लिए यह मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है।

सांसद ने रखी जांच की मांग

इस विवाद के बीच अजय माकन ने सरकार के सामने तीन मुख्य मांगें रखी हैं। उन्होंने मांग की है कि केशव कुंज पार्किंग के लिए जमीन हड़पने के आरोपों की उच्च स्तरीय जांच हो। प्रशासन तुरंत मंदिर की नाकेबंदी हटाए। जो हिस्सा तोड़ा गया है, उसका पुनर्निर्माण कराया जाए। इसके अलावा, GRAP के नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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