New Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट ने पुरानी गाड़ियों की बिक्री को लेकर Delhi News में केजरीवाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने साफ कहा कि नियमों की अनदेखी अब बड़ा सुरक्षा खतरा बन चुकी है. पुरानी गाड़ियां अब बम धमाकों में इस्तेमाल हो रही हैं. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या फैसले लेने के लिए दो-तीन और धमाकों का इंतजार किया जा रहा है? अदालत ने इस मामले में सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है.
धमाकों में हो रहा पुरानी कारों का इस्तेमाल
चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने सख्त रुख अपनाया. उन्होंने हाल ही में लाल किले के पास हुए बम धमाके का जिक्र किया. कोर्ट ने कहा कि इस घटना में सेकेंड-हैंड कार का इस्तेमाल हुआ था. एक कार चार-चार बार बिक जाती है. लेकिन कागजों में मालिक वही पुराना रहता है. ऐसे में जिम्मेदारी किसकी होगी? यह Delhi News और सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चिंता का विषय है.
कागजों में ही सिमटे रह गए नियम
यह याचिका ‘टुवर्ड्स हैप्पी अर्थ फाउंडेशन’ नामक एनजीओ ने दायर की है. इसमें केंद्रीय मोटर वाहन नियम 55A से 55H का हवाला दिया गया है. ये नियम दिसंबर 2022 में लागू हुए थे. इनका मकसद पुरानी गाड़ियों के कारोबार को ट्रैक करना था. याचिकाकर्ता का कहना है कि नियमों में बड़ी खामियां हैं. डीलर से डीलर के बीच गाड़ी के ट्रांसफर का कोई पुख्ता रिकॉर्ड नहीं रहता. इससे पूरी जवाबदेही खत्म हो जाती है.
दिल्ली में एक भी डीलर रजिस्टर्ड नहीं
याचिका में एक चौंकाने वाला दावा किया गया है. देश भर में 30 से 40 हजार सेकेंड-हैंड कार डीलर हैं, पर बहुत कम रजिस्टर्ड हैं. दिल्ली में तो एक भी डीलर का रजिस्ट्रेशन नहीं है. नतीजा यह है कि लाखों गाड़ियां बिना साफ रिकॉर्ड के सड़कों पर दौड़ रही हैं. लाल किले वाली घटना में भी कार 11 साल पुरानी थी और कई बार बिक चुकी थी. कोर्ट ने सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2026 में होगी.
