Delhi News: दिल्ली उच्च न्यायालय की एक वर्चुअल अदालती कार्यवाही का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक वकील को अदालती पोशाक पहने एक महिला को चूमते हुए देखा जा सकता है। यह घटना मंगलवार को तब की बताई जा रही है जब अदालत में सुनवाई नहीं चल रही थी।
वीडियो में वकील अपने कमरे में अदालती वस्त्र पहने दिखाई दे रहे हैं। एक साड़ी पहनी महिला उनके सामने खड़ी दिख रही है। वकील महिला का हाथ पकड़कर उसे अपनी ओर खींचते हैं। महिला विरोध करती हुई दिखाई देती है लेकिन वकील उसे चूम लेते हैं।
वीडियो की प्रामाणिकता
वायरल वीडियो की प्रामाणिकता की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। वीडियो में दिख रहे वकील और महिला की पहचान स्पष्ट नहीं है। वीडियो पोस्ट होने के दो घंटे के भीतर ही इसे 89,700 बार देखा जा चुका है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से फैल रहा है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने इस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि करने से इनकार किया है। जांच अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। वीडियो में दिखाई दे रहे व्यक्ति की पहचान स्थापित की जा रही है। अधिकारी घटना के समय और स्थान का पता लगा रहे हैं।
नेटिजन्स की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर लोगों ने इस वीडियो की कड़ी निंदा की है। सुप्रीम कोर्ट के वकील शशांक शेखर झा ने इस वीडियो को साझा किया। उन्होंने इसे दिल्ली हाईकोर्ट से जोड़ते हुए पोस्ट किया। एक अन्य वकील कुमार दीपराज ने स्पष्ट किया कि यह व्यक्ति जज नहीं बल्कि वकील है।
उन्होंने बताया कि यह दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस ज्योति सिंह की कोर्ट है। उस समय कोर्ट सत्र नहीं चल रहा था। कुछ यूजर्स ने सवाल उठाए कि ऐसी घटनाओं के बाद लोगों को प्रमोशन मिल जाता है। जनता ने इस घटना पर गंभीर चिंता जताई है।
पूर्व में हुई घटनाएं
इससे पहले जून माह में गुजरात हाईकोर्ट की एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग घटना सामने आई थी। उसमें एक व्यक्ति शौचालय में बैठकर कोर्ट की कार्यवाही में शामिल हुआ था। गुजरात हाईकोर्ट ने उस व्यक्ति पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
कोर्ट ने उसे 15 दिनों की सामुदायिक सेवा करने का आदेश भी दिया था। इस तरह की घटनाएं अदालतों की गरिमा के विरुद्ध मानी जाती हैं। न्यायपालिका ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करती है। यह मामला भी गंभीर रूप ले चुका है।
अदालती प्रक्रिया और नियम
अदालती कार्यवाही के दौरान सभी प्रतिभागियों से उचित व्यवहार की अपेक्षा की जाती है। वकीलों को अदालती पोशाक में विशेष आचरण बनाए रखना होता है। अदालत परिसर में किसी भी प्रकार का अनुचित व्यवहार गंभीर माना जाता है। न्यायालय ऐसे मामलों में उचित कार्रवाई कर सकती है।
वर्चुअल हियरिंग के दौरान भी सभी प्रतिभागियों से पेशेवर आचरण की उम्मीद की जाती है। कोर्ट कार्यवाही की गोपनीयता और गरिमा बनाए रखना जरूरी होता है। इस तरह की घटनाएं न्यायिक प्रक्रिया पर प्रश्न खड़े करती हैं। अधिकारी इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं।
