Delhi News: दिल्ली सरकार की एक ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि राष्ट्रीय राजधानी में महिला श्रमिकों की भागीदारी में सुधार हुआ है। परन्तु उनकी मजदूरी अभी भी पुरुषों के मुकाबले कम है। आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय द्वारा जारी ‘दिल्ली राज्य प्रारूप संकेतक’ रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
रिपोर्ट के अनुसार, श्रम बल में महिला और पुरुष भागीदारी दर का अनुपात 2017-18 में 0.19 था। यह अनुपात 2023-24 में बढ़कर 0.28 हो गया है। इससे साफ पता चलता है कि आर्थिक रूप से सक्रिय महिलाओं की संख्या में वृद्धि हुई है।
महिला श्रम बल भागीदारी दर स्वयं एक महत्वपूर्ण संकेतक है। यह दर 2017-18 में 11.2 प्रतिशत थी। वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 14.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है। हालांकि, बीते वर्षों में इस दर में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।
मजदूरी में लैंगिक अंतर
मजदूरी के आंकड़े एक चिंताजनक तस्वीर पेश करते हैं। वर्ष 2017-18 की जुलाई-सितंबर तिमाही में पुरुषों की दैनिक मजदूरी 403 रुपये थी। वहीं महिलाओं को उसी अवधि में केवल 300 रुपये प्रतिदिन मिले। यह एक बड़े अंतर को दर्शाता है।
वर्ष 2023-24 की समान अवधि में मजदूरी में वृद्धि हुई है। पुरुषों की दैनिक मजदूरी बढ़कर 548 रुपये हो गई। महिलाओं की मजदूरी भी बढ़कर 500 रुपये प्रतिदिन पहुंच गई। फिर भी, पुरुषों के मुकाबले यह कम है।
तिमाही आधार पर भिन्नता
दिलचस्प बात यह है कि कुछ तिमाहियों में महिलाओं ने पुरुषों से अधिक कमाई की। 2017-18 की अप्रैल-जून तिमाही में महिलाओं ने 400 रुपये रोजाना कमाए। जबकि पुरुषों की कमाई 376 रुपये प्रतिदिन रही।
लेकिन 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में यह रुझान बदला नजर आया। इस दौरान पुरुषों का पारिश्रमिक 556 रुपये प्रतिदिन रहा। वहीं महिलाओं की मजदूरी 500 रुपये प्रतिदिन पर सिमट गई।
पेशेवर क्षेत्र में हिस्सेदारी घटी
रिपोर्ट में एक और चिंता का विषय सामने आया है। पेशेवर और तकनीकी कार्यों में महिलाओं का अनुपात घटा है। वर्ष 2020-21 में यह अनुपात 28.5 प्रतिशत था। यह घटकर 2022-23 में 21.3 प्रतिशत रह गया।
यह रिपोर्ट टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्रगति पर नजर रखने के लिए तैयार की गई है। इसमें महिलाओं को आर्थिक संसाधनों पर समान अधिकार दिए जाने पर जोर दिया गया है। भूमि और संपत्ति तक पहुंच को भी प्रमुखता से शामिल किया गया है।
दिल्ली सरकार का लक्ष्य महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। रिपोर्ट में वित्तीय सेवाओं और विरासत के अधिकारों को भी एड्रेस किया गया है। यह डेटा नीति निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
