Delhi News: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले के मामले में दिल्ली पुलिस ने मुख्य आरोपी सकरिया राजेश भाई खीमजी और उसके सहयोगी तहसीन रजा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। यह चार्जशीट घटना के साठ दिन बाद तीस हजारी कोर्ट में दाखिल की गई है। यह हमला बीस अगस्त को मुख्यमंत्री के सिविल लाइंस स्थित आवास पर हुई जनसुनवाई के दौरान हुआ था।
अदालत ने दिल्ली पुलिस की चार्जशीट पर संज्ञान लेकर अगली सुनवाई की तारीख तीस अक्टूबर तय की है। साथ ही सह आरोपी तहसीन रजा की जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया गया। दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी कोर्ट में चार सौ पेज की चार्जशीट दाखिल की है। दोनों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
चार्जशीट की विधिक धाराएं
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक मुख्य आरोपी सकरिया राजेश भाई पर भारतीय न्याय संहिता की कई धाराएं लगाई गई हैं। इनमें धारा 109(1), 221, 132, 115(2) और 61(2) शामिल हैं। सह आरोपी तहसीन रजा पर धारा 109(1), 221, 132 और 61(2) के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है। ये सभी धाराएं गंभीर प्रकृति की हैं।
अदालत ने चार्जशीट पर तीस अक्टूबर को सुनवाई की तारीख निर्धारित की है। इस बीच दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश किए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी है।
हमले का तरीका और पूर्व योजना
दिल्ली पुलिस के मुताबिक आरोपी राजेश भाई खुद को डॉग लवर बताता है। वह शिकायतकर्ता बनकर जनसुनवाई में पहुंचा था। वह अपने साथ कुछ कागजात लेकर आया और मुख्यमंत्री से अपनी शिकायत पर बात करने के बहाने पास पहुंचा। तभी उसने अचानक उन पर हमला कर दिया। उसने मुख्यमंत्री को धक्का दिया और गला दबाने की कोशिश की।
सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत उसे काबू कर लिया। उसे सिविल लाइंस थाने ले जाया गया। बाद में जांच के दौरान उसके साथी तहसीन सैयद को भी गिरफ्तार किया गया। उस पर आरोपी को लॉजिस्टिक और फाइनेंशियल मदद देने का आरोप है। पुलिस का मानना है कि यह हमला पूर्व योजनाबद्ध तरीके से किया गया था।
आरोपी की मंशा और पूछताछ
पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी की मंशा मुख्यमंत्री की हत्या करने की थी। दिल्ली पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि वह एक चाकू लेकर आने वाला था। उसने यह चाकू नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास सब्जी की रेहड़ी से उठाया था। लेकिन सुरक्षा जांच के कारण वह इसे अंदर नहीं ले जा सका।
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने हमले से पहले कई बार रिकनिसेंस किया था। उसने जनसुनवाई की प्रक्रिया का अध्ययन किया था। सह आरोपी तहसीन ने उसे वित्तीय और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की थी। पुलिस ने दोनों आरोपियों के बीच हुई बातचीत के सबूत भी एकत्र किए हैं।
सुरक्षा व्यवस्था में सुधार
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में कई सुधार किए गए हैं। जनसुनवाई कार्यक्रमों में सुरक्षा प्रोटोकॉल को और सख्त बनाया गया है। आम नागरिकों और मुख्यमंत्री के बीच दूरी बनाए रखने के नियमों को कड़ा किया गया है। सुरक्षा कर्मियों की संख्या में भी वृद्धि की गई है।
पुलिस ने बताया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। जनसुनवाई में भाग लेने वाले लोगों की पृष्ठभूमि की जांच की प्रक्रिया शुरू की गई है। सुरक्षा एजेंसियां ऐसे कार्यक्रमों में अतिरिक्त सतर्कता बरत रही हैं।
