शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

दिल्ली ब्लास्ट: लाल किला हमले के संदिग्ध डॉक्टर उमर मोहम्मद की पहली तस्वीर आई सामने, जानें आरोपी के बारे सबकुछ

Share

Delhi News: लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए आतंकी हमले के संदिग्ध हमलावर डॉक्टर उमर मोहम्मद की पहली तस्वीर सामने आ गई है। सुरक्षा सूत्रों के अनुसार विस्फोट में इस्तेमाल हुई हुंडई आई-20 कार उमर मोहम्मद ही चला रहा था। उमर मोहम्मद पुलवामा का रहने वाला था और पेशे से डॉक्टर था।

वह फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल का तीसरा डॉक्टर था जिसके दो अन्य सदस्य पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। डॉक्टर आदिल अहमद और डॉक्टर मुजम्मिल शकील की गिरफ्तारी के बाद उमर मोहम्मद फरार हो गया था। माना जा रहा है कि गिरफ्तारी के डर से उसने यह आतंकी हमला अंजाम दिया।

परिवारिक पृष्ठभूमि और शैक्षणिक योग्यता

डॉक्टर उमर मोहम्मद के पिता का नाम नबी भट है जबकि मां का नाम शमीमा बानू है। वह फरीदाबाद स्थित अल फलह मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के रूप में कार्यरत था। उसकी मेडिकल शिक्षा और पेशेवर योग्यता ने जांच एजेंसियों को चौंकाया है कि एक शिक्षित डॉक्टर आतंकी गतिविधियों में कैसे शामिल हो गया।

जांच अधिकारी इस बात की पड़ताल कर रहे हैं कि उमर मोहम्मद कब और कैसे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा। उसके परिवार के सदस्यों और दोस्तों से पूछताछ की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां उसके डिजिटल फुटप्रिंट का भी विश्लेषण कर रही हैं।

यह भी पढ़ें:  मनाली आत्महत्या: हिमाचल के पर्यटन स्थल पर महिला ने ब्यास नदी में लगाई छलांग, पुलिस कर रही शव की तलाश

फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल के अन्य सदस्य

डॉक्टर आदिल अहमद अनंतनाग का रहने वाला था और सरकारी अस्पताल में वरिष्ठ डॉक्टर के पद पर कार्यरत था। उसकी पहचान 19 अक्टूबर को श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में लगाए गए पोस्टरों के सीसीटीवी फुटेज से हुई थी। 6 अक्टूबर को उसे सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया था।

आदिल अहमद की निशानदेही पर डॉक्टर मुजम्मिल शकील को गिरफ्तार किया गया। इसी कार्रवाई के दौरान फरीदाबाद में करीब 2900 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ का जखीरा बरामद हुआ था। यह विस्फोटक सामग्री आईईडी बनाने के लिए इस्तेमाल की जा सकती थी।

कार के मालिकाना हक का सच

पुलवामा से गिरफ्तार तारिक नाम के शख्स ने बताया कि उसने ही यह आई-20 कार उमर मोहम्मद को दी थी। कार कई हाथों से गुजर चुकी थी और इसके मालिकाना हक बार-बार बदले गए थे। जांच अधिकारियों का मानना है कि इस तरह की कारों का चुनाव जानबूझकर किया गया ताकि पता लगाना मुश्किल हो।

दिल्ली पुलिस कार के पुराने मालिकों से पूछताछ कर रही है। हर खरीददार और विक्रेता की पृष्ठभूमि की जांच की जा रही है। पुलिस को शक है कि कार के कागजात में फर्जीवाड़ा किया गया था। इससे आतंकियों की पहचान छुपाने में मदद मिली।

यह भी पढ़ें:  डॉक्टर गिरफ्तार: गोवा ICU में मरीज से दुष्कर्म के आरोप में हुई धरपकड़, जानें पुलिस ने कहां से किया गिरफ्तार

विस्फोट में इस्तेमाल हुआ विस्फोटक पदार्थ

प्रारंभिक जांच से पता चला है कि विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट और फ्यूल का इस्तेमाल किया गया। यह वही विस्फोटक मिश्रण है जो खनन गतिविधियों के दौरान इस्तेमाल होता है। विस्फोट की तीव्रता से साफ जाहिर होता है कि बड़ी मात्रा में विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया।

फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से विस्फोटक अवशेष एकत्र किए हैं। इनकी जांच से विस्फोटक की सही प्रकृति और मात्रा का पता लगाया जाएगा। विस्फोटक विशेषज्ञ इस बात की पड़ताल कर रहे हैं कि यह सामग्री कहां से प्राप्त की गई।

डीएनए जांच से होगी पहचान की पुष्टि

दिल्ली पुलिस विस्फोट में मिले शव के अवशेषों की डीएनए जांच करवा रही है। विस्फोट की भयावहता के कारण शव के कई टुकड़े हुए थे। एक हाथ दूर जाकर गिरा था और कुछ अन्य शारीरिक अंग भी बिखरे हुए मिले थे। डीएनए जांच से यह पुष्टि हो सकेगी कि कार चलाने वाला उमर मोहम्मद ही था।

जांच अधिकारी उमर मोहम्मद के परिवार के सदस्यों के डीएनए सैंपल भी एकत्र कर रहे हैं। इससे तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा। विस्फोट स्थल से बरामद हुए सभी सबूतों का विस्तृत विश्लेषण चल रहा है। जल्द ही आधिकारिक पुष्टि की उम्मीद है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News