Delhi News: दिल्ली बम विस्फोट मामले में आरोपी डॉक्टर शाहीना की पहली तस्वीर सामने आई है। जांच एजेंसियों ने खुलासा किया है कि वह जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग का संचालन कर रही थी। उस पर भारत में महिलाओं को आतंकवाद के लिए भर्ती करने का आरोप है। डॉक्टर शाहीना की गिरफ्तारी को आतंकी नेटवर्क के खिलाफ बड़ी सफलता माना जा रहा है। इस नेटवर्क में कई कट्टरपंथी डॉक्टर शामिल थे।
जांच के दौरान पता चला कि डॉक्टर शाहीना जमात उल मोमीनात नामक संगठन चला रही थी। इसका उद्देश्य भारतीय महिलाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ना था। वह टेलीग्राम के माध्यम से नई भर्तियां कर रही थी। इस ग्रुप में कई गिरफ्तार और मारे गए डॉक्टर शामिल थे। शाहीना की जिम्मेदारी महिलाओं को जिहाद के लिए प्रेरित करना था।
पाकिस्तानी कनेक्शन
जैश-ए-मोहम्मद की इस महिला विंग का सीधा संबंध पाकिस्तान से है। संगठन की कमान जैश प्रमुख मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर संभालती हैं। सादिया अजहर के पति यूसुफ अजहर कुख्यात कंधार हाइजैक मामले के मास्टरमाइंड रहे हैं। यह संगठन मनोवैज्ञानिक युद्ध और प्रचार में महिलाओं को शामिल कर रहा था।
आतंकी संगठन ने महिलाओं को धार्मिक जिम्मेदारियों के नाम पर प्रशिक्षित करने की योजना बनाई। डॉक्टर शाहीना जैसे उच्च शिक्षित लोगों का इस्तेमाल नेटवर्क फैलाने के लिए किया जा रहा था। भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाना भी इसका उद्देश्य था। सुरक्षा एजेंसियां इसके पूरे नेटवर्क की जांच कर रही हैं।
टेलीग्राम का इस्तेमाल
खुफिया एजेंसियों ने टेलीग्राम के एक गुप्त ग्रुप का पता लगाया है। इस ग्रुप का इस्तेमाल लोगों को कट्टरपंथी बनाने के लिए किया जा रहा था। ग्रुप में शामिल सदस्यों को आतंकी विचारधारा से जोड़ा जा रहा था। डॉक्टर शाहीना इस ग्रुप की प्रमुख संचालक थी। वह महिलाओं को आतंक के मिशन में शामिल करने का काम कर रही थी।
जांच एजेंसियों ने डॉक्टर शाहीना की गिरफ्तारी को महत्वपूर्ण बताया है। इससे आतंकी संगठन की महिला विंग को गंभीर झटका लगा है। एजेंसियां उसके संपर्कों और गतिविधियों की गहन जांच कर रही हैं। दिल्ली ब्लास्ट मामले में यह नया और महत्वपूर्ण मोड़ है। सुरक्षा बलों को इससे बड़ी सफलता मिली है।
