Himachal News: देहरा विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक होशियार सिंह की याचिका पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने इस मामले में हिमाचल सरकार और कांगड़ा को-ऑपरेटिव बैंक को नोटिस जारी किए हैं। दोनों पक्षों को अगली सुनवाई में अपना जवाब पेश करना होगा।
देहरा उपचुनाव में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर ने जीत दर्ज की थी। इस चुनाव के बाद भाजपा प्रत्याशी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में सरकार और बैंक प्रबंधन पर आचार संहिता उल्लंघन के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
महिला मंडलों को पैसा वितरण का आरोप
याचिकाकर्ता के अनुसार आचार संहिता लागू होने के बावजूद बैंक प्रबंधन ने साठ सात महिला मंडलों को पैसा दिया। प्रत्येक मंडल को पचास-पचास हजार रुपये की राशि प्रदान की गई। इसके अलावा हिमाचल सरकार ने भी देहरा क्षेत्र की लगभग एक हजार महिलाओं के खातों में राशि स्थानांतरित की।
यह राशि इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत भेजी गई। महिलाओं के खातों में तीन महीने की राशि एक साथ जमा करवाई गई। याचिकाकर्ता का दावा है कि यह कार्रवाई आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन थी।
सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप
होशियार सिंह ने अदालत में आरोप लगाया कि सरकार ने चुनाव जीतने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया। योजनाओं का राजनीतिक उपयोग करते हुए पैसों का वितरण किया गया। उन्होंने अदालत से मांग की कि आचार संहिता के दौरान पैसा वितरित करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
याचिका में कहा गया कि इस तरह की कार्रवाई से चुनावी प्रक्रिया में अनुचित हस्तक्षेप हुआ। मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास किया गया। इससे चुनाव के निष्पक्ष और स्वतंत्र चरित्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। लोकतांत्रिक प्रक्रिया को क्षति पहुंची।
अदालत ने मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने इस मामले में हिमाचल सरकार और बैंक प्रबंधन से जवाब तलब किया है। दोनों पक्षों को निर्धारित तिथि पर अपना पक्ष रखना होगा। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित सुनवाई का आदेश दिया है। अगली सुनवाई में दोनों पक्ष अपने जवाब पेश करेंगे।
इस मामले में अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार और बैंक प्रबंधन किस तरह के तर्क पेश करते हैं। क्या वे आरोपों को खारिज करते हैं या फिर अपनी कार्रवाई को उचित ठहराते हैं। अदालत का अंतिम फैसला चुनावी प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण मिसाल कायम करेगा।
चुनावी विवाद का इतिहास
देहरा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव ने राज्य की राजनीति में नया मोड़ दिया था। मुख्यमंत्री की पत्नी के चुनाव लड़ने और जीतने ने इसे राष्ट्रीय सुर्खियां दिलाईं। चुनाव प्रक्रिया के दौरान ही विपक्ष ने आचार संहिता उल्लंघन के आरोप लगाए थे। अब यह मामला अदालत में पहुंच गया है।
भाजपा प्रत्याशी की याचिका में चुनावी प्रक्रिया में सुधार की मांग भी शामिल है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। इससे चुनावी प्रक्रिया की शुद्धता बनी रहेगी और मतदाताओं का विश्वास कायम रहेगा।
