India News: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का सबसे बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान सशस्त्र बलों द्वारा इस्तेमाल किए गए अधिकतर उपकरण स्वदेशी थे। सिंह ने पुणे में सिम्बायोसिस स्किल्स एंड प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के छठे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए यह महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। शुरुआती दौर में यह बहुत मुश्किल था क्योंकि पूरी व्यवस्था को बदलने की कोशिश की जा रही थी। आजादी के बाद से भारत हथियारों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहा था। विदेशों से रक्षा उपकरण खरीदना एक जरूरत बन गया था।
आजादी के बाद की बाधा टूटी
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने अब उस बाधा को तोड़ दिया है जो आजादी के बाद से बनी हुई थी। देश में ही हथियारों के निर्माण को जोरदार तरीके से बढ़ावा दिया गया है। यह काम बिल्कुल भी आसान नहीं था क्योंकि देश रक्षा खरीद के मामले में एक सुविधाजनक स्थिति में पहुंच गया था। भारत दूसरे देशों से हथियार खरीदने का आदी हो गया था।
मंत्री ने बताया कि पहले न तो घरेलू स्तर पर हथियारों का उत्पादन करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति थी और न ही रक्षा निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कोई कानूनी ढांचा था। देश के युवाओं में इस क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करने की प्रेरणा का भी अभाव था। स्थिति अनुकूल नहीं बल्कि प्रतिकूल थी।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता
रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान सशस्त्र बलों की बहादुरी के साथ-साथ स्वदेशी उपकरणों की क्षमता भी देखने को मिली। ऑपरेशन सिंदूर भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का सबसे बेहतरीन उदाहरण बनकर उभरा है। यह अभियान देश की रक्षा क्षमताओं में स्वदेशीकरण की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
भारत ने इस साल मई में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। यह ऑपरेशन अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के बाद आरंभ किया गया था। पहलगाम हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इस हमले के बाद सुरक्षा बलों ने व्यापक अभियान चलाया था।
रक्षा क्षेत्र में बदलाव
राजनाथ सिंह ने कहा कि ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियों में भी भारत ने हार नहीं मानी। रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए हर संभव कदम उठाए गए। आज उन प्रयासों के स्पष्ट परिणाम सामने आ रहे हैं। देश की रक्षा नीति में आए इस बदलाव से भारत की सुरक्षा तंत्र मजबूत हुआ है।
रक्षा मंत्री ने युवाओं से रक्षा क्षेत्र में करियर बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश के युवा रक्षा निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए युवा प्रतिभाओं की आवश्यकता है। इस क्षेत्र में युवाओं के लिए अवसरों की कमी नहीं है।
भविष्य की योजनाएं
भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है। सरकार ने रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई नीतिगत बदलाव किए हैं। निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। रक्षा अनुसंधान और विकास में भी तेजी आई है।
देश में रक्षा उद्योग के विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाया जा रहा है। विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन सभी प्रयासों का उद्देश्य भारत को रक्षा क्षेत्र में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाना है।
