India News: भारत में जल्द ही लागू हो रहे नए डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के तहत रिटेल स्टोर्स द्वारा ग्राहकों से जबरन मोबाइल नंबर लेना मुश्किल होगा। यह कदम ग्राहकों की निजता की सुरक्षा और उनके डेटा के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया जा रहा है। नए नियमों के तहत कंपनियों को डेटा संग्रहण के लिए स्पष्ट सहमति लेनी अनिवार्य होगी।
बिलिंग के समय नंबर मांगने की प्रथा पर रोक
अक्सर मल्टीब्रांड रिटेल स्टोर्स बिलिंग के दौरान ग्राहकों से मोबाइल नंबर मांगते हैं। वे इसे डिजिटल रसीद भेजने या लॉयल्टी प्रोग्राम में शामिल करने का बहाना बताते हैं। नए नियमों में इस प्रथा पर रोक लगेगी। कंपनियों को ईमेल रसीद या प्रिंटेड कॉपी जैसे विकल्प भी प्रदान करने होंगे।
स्पष्ट सहमति होगी अनिवार्य
नए कानून के तहत ‘इंप्लाइड कंसेंट’ का प्रावधान समाप्त होगा। कंपनियों को ग्राहकों से डेटा लेने के उद्देश्य की स्पष्ट जानकारी देनी होगी। उन्हें यह भी बताना होगा कि डेटा कब तक रखा जाएगा और कब नष्ट किया जाएगा। ग्राहक की स्पष्ट सहमति के बिना डेटा संग्रहण नहीं किया जा सकेगा।
विजिटर मैनेजमेंट सिस्टम भी आएंगे दायरे में
यह नियम सिर्फ रिटेल स्टोर्स तक सीमित नहीं रहेंगे। आवासीय सोसाइटियों और कार्यालयों में इस्तेमाल होने वाले विजिटर मैनेजमेंट सिस्टम भी इनके दायरे में आएंगे। इन स्थानों पर भी अब बिना स्पष्ट उद्देश्य बताए मोबाइल नंबर नहीं लिया जा सकेगा।
डेटा सुरक्षा की जिम्मेदारी
कंपनियों को ग्राहक डेटा की सुरक्षा की गारंटी देनी होगी। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि संग्रहित डेटा का दोबारा उपयोग न हो और न ही इसे किसी तीसरे पक्ष को बेचा जाए। डेटा लीक होने की स्थिति में कंपनियों पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान होगा।
