Technology News: एक बड़े साइबर सुरक्षा हमले में 18.3 करोड़ जीमेल अकाउंट्स के पासवर्ड लीक हो गए हैं। साइबर सुरक्षा प्लेटफॉर्म हैव आई बीन पॉन्ड ने इस डेटा लीक का खुलासा किया है। यह डेटा अप्रैल 2025 में गूगल सर्वर से सीधे हैकिंग के बजाय मैलवेयर अटैक से चुराया गया था।
21 अक्टूबर 2025 को एचआईबीपी ने सिंथिएंट स्टीलर लॉग थ्रेट डेटा नाम का डेटासेट जोड़ा। इसमें 18.3 करोड़ यूनिक ईमेल एड्रेस और उनके पासवर्ड शामिल हैं। यह डेटा सिंथिएंट एलएलसी द्वारा इकट्ठा किया गया था। इसमें जीमेल यूजर्स की बड़ी संख्या शामिल है।
एचआईबीपी के फाउंडर का कहना है कि यह डेटा अलग-अलग डिवाइस में घुसे इन्फोस्टीलर मैलवेयर के जरिए चोरी किया गया है। इस तरह का मैलवेयर लॉगिन क्रेडेंशियल्स के साथ ब्राउजर कुकीज और ऑथेंटिकेशन टोकन भी चुरा सकता है।
ऐसे जांचें अपना अकाउंट सुरक्षित है या नहीं
उपयोगकर्ता आसानी से जांच सकते हैं कि उनका ईमेल लीक हुआ है या नहीं। इसके लिए हैव आई बीन पॉन्ड वेबसाइट पर जाना होगा। वहां अपना जीमेल आईडी डालने पर पता चल जाएगा कि डिटेल्स लीक हुई हैं या नहीं।
वेबसाइट उपयोगकर्ता को तुरंत जानकारी दे देगी। अगर अकाउंट लीक हुआ है तो तुरंत पासवर्ड बदलना जरूरी है। साथ ही अन्य सुरक्षा उपाय भी अपनाने चाहिए। यह जांच निःशुल्क और आसान है।
जीमेल अकाउंट सुरक्षित रखने के उपाय
सबसे पहले नया और मजबूत पासवर्ड बनाएं। पासवर्ड में बड़े अक्षर, छोटे अक्षर, नंबर्स और स्पेशल कैरेक्टर शामिल होने चाहिए। पुराने पासवर्ड का दोबारा इस्तेमाल न करें। हर तीन महीने में पासवर्ड बदलते रहना चाहिए।
गूगल की सिक्योरिटी चेकअप सर्विस के जरिए अनजान डिवाइस, ऐप्स और एक्टिविटी को चेक करें। संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत कार्रवाई करें। टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को सक्षम करना बहुत जरूरी है।
सिर्फ ओटीपी ही नहीं हार्डवेयर सिक्योरिटी की या पासकी का भी उपयोग करें। ब्राउजर कुकीज और कैश को नियमित साफ करते रहें। संदिग्ध लिंक और अटैचमेंट पर क्लिक न करें। सुरक्षा अपडेट को तुरंत इंस्टॉल करें।
मैलवेयर के खतरे को समझें
इन्फोस्टीलर मैलवेयर डिवाइस में घुसकर संवेदनशील जानकारी चुरा सकता है। यह ब्राउजर कुकीज और ऑथेंटिकेशन टोकन तक पहुंच बना लेता है। हैकर्स बिना पासवर्ड के भी अकाउंट एक्सेस कर सकते हैं।
मैलवेयर से बचने के लिए एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग जरूरी है। संदिग्ध वेबसाइटों और ऐप्स से दूर रहना चाहिए। सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट रखना महत्वपूर्ण है। साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता बहुत जरूरी है।
