Himachal News: हिमाचल प्रदेश में डार्क वेब के जरिए नशे का अवैध कारोबार बढ़ रहा है। चिट्टा तस्कर नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे पुलिस की चुनौतियां बढ़ गई हैं। शिमला में 50 से अधिक मामले सामने आए हैं। तस्कर वर्चुअल नंबरों और लोकेशन आधारित डिलीवरी से नशा पहुंचा रहे हैं। पुलिस इसे रोकने के लिए साइबर तकनीकों पर काम कर रही है।
शिमला में डार्क वेब का खेल
शिमला जिले में डार्क वेब के माध्यम से चिट्टा तस्करी के 50 से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं। तस्कर वर्चुअल नंबरों का उपयोग कर अपनी पहचान छुपाते हैं। लोकेशन आधारित डिलीवरी सिस्टम से वे खरीदारों तक नशा पहुंचाते हैं। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि तस्करों का नेटवर्क तकनीकी रूप से बेहद उन्नत है, जिससे पकड़ना मुश्किल हो रहा है।
अंतरराज्यीय और विदेशी कनेक्शन
जांच में संदीप शाह और शाही महात्मा जैसे गिरोहों का नाम उभरा है। इनके तार अंतरराज्यीय और विदेशी नेटवर्क से जुड़े हैं। खुफिया एजेंसियां इन कनेक्शनों की गहराई से पड़ताल कर रही हैं। तस्करों का यह नेटवर्क डार्क वेब का इस्तेमाल कर नशे का कारोबार चला रहा है। पुलिस ने इन गिरोहों को तोड़ने के लिए विशेष टीमें गठित की हैं।
साइबर ट्रैकिंग से नेटवर्क तोड़ेगी पुलिस
पुलिस और साइबर विशेषज्ञ डिजिटल फोरेंसिक और ट्रैकिंग तकनीकों से तस्करों का पता लगा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस नेटवर्क को पूरी तरह बेनकाब किया जाएगा। साइबर तकनीकों के जरिए तस्करों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। हिमाचल पुलिस इस अवैध कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए ठोस कदम उठा रही है।
